हाइलाइट्स :
भारत जोड़ो यात्रा की आज पहली वर्षगांठ
एआईसीसी मुख्यालय में पवन खेड़ा ने की प्रेस ब्रीफिंग
भारत जोड़ो यात्रा को बताया तीर्थ यात्रा
दिल्ली, भारत। भारत जोड़ो यात्रा की आज गुरूवार को पहली वर्षगांठ है। इस मौके पर एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) द्वारा प्रेस ब्रीफिंग की गई।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा- आज ऐतिहासिक 'भारत जोड़ो यात्रा' की पहली वर्षगांठ पर मैं लाखों निडर भारतीयों का धन्यवाद करता हूं। यह यात्रा मीलों और किलोमीटरों में नहीं नापी जा सकती है। यह यात्रा सैकड़ों भाषाएं, लाखों आहें, करोड़ों उम्मीदें के रास्ते से होते हुई भारत के दिल में समा गई। यह यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। यात्रा अभी चल रही है।
जब 'भारत जोड़ो यात्रा' चल रही थी, तो इसे असफल करने के कई षड्यंत्र हुए लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। एक जुड़ा हुआ भारत किसे परेशान कर सकता है? वे कौन सी ताकतें हैं जो अब 'भारत' को 'इंडिया' से भिड़वा रही हैं? आज यह सवाल बेहद जरूरी है, क्योंकि यह देश के वर्तमान और भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।कांग्रेस नेता पवन खेड़ा
'भारत जोड़ो यात्रा' एक तीर्थ यात्रा थी और तीर्थ यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। तीर्थ यात्रा, हर यात्रा का प्रारंभ होती है। हम आपको वचन देते हैं कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के आदर्श, प्रेरणा और उद्देश्य निरंतरता में जारी रहेंगे।
राहुल गांधी की ये यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है, ये यात्रा कभी मणिपुर में दिखाई देती है, तो कभी आजादपुर सब्जी मंडी में और लद्दाख में नजर आती है।
ऐसी ताकतें हैं जो अखंड भारत को पसंद नहीं करतीं और इंडिया और भारत के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। हर देशवासी जानता है कि ये ताकतें कौन हैं, ये भारत को इंडिया से लड़ा रहे हैं। सोना हो या गोल्ड, हिंदी में बोलो या अंग्रेजी में कीमत नहीं बदल जाएगी।
पिछले दिनों सुनने में आया कि विदेशों की यूनिवर्सिटी में भारत जोड़ो यात्रा पर पीएचडी हो रही है। लोग जानना चाहते हैं कि किस तरह ये यात्रा निकाली गई, इसके क्या मायने थे। भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास स्याही से नहीं लिखा जा सकता, ये पसीने से लिखा गया है, ये तीर्थ यात्रा थी और तीर्थ यात्रा कभी खत्म नहीं होती।
इसके अलावा तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी पर पवन खेड़ा ने कहा- कांग्रेस ऐसी टिप्पणियों से बिल्कुल सहमत नहीं है। हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं, किसी धर्म को कमतर नहीं करना चाहिए। संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता। कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है, इंडिया गठबंधन के सभी दल सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
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