Patanjali ने दोबारा छपवाया माफीनामा Raj Express
दिल्ली

Patanjali ने दोबारा छपवाया माफीनामा, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पहले से बड़ा है साइज

Patanjali ने दोबारा छपवाया माफीनामा : पतंजलि ने माफीनामे में कहा कि, 'प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।'

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • पतंजलि ने पहले 67 समाचार पत्र में छपवाया था माफीनामा।

  • माफीनामे के साइज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल।

Patanjali ने दोबारा छपवाया माफीनामा : दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि ने एक बार फिर अख़बारों में माफीनामा छपवाया है। पिछली बार पतंजलि ने 67 समाचार पत्र में माफीनामा छपवाया था। इस माफीनामे के साइज पर कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। इसके बाद अब पतंजलि ने अख़बार में पहले से बड़ा माफीनामा छपवाया है। पतंजलि ने कहा है कि, 'हम बिना शर्त के माफी मांगते है।'

पतंजलि ने माफीनामे में कहा कि, 'प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं। हम अपने विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से माफी मांगते हैं और यह हमारी पूरी प्रतिबद्धता है कि ऐसी त्रुटियां दोबारा नहीं दोहराई जाएंगी। हम उचित सावधानी और अत्यंत ईमानदारी के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं। हम न्यायालय की गरिमा को बनाए रखने और माननीय न्यायालय के द्वारा लागू कानूनों और निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।'

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी। रामदेव के वकीलों ने बताया था कि, हमने 67 समाचार पत्र में माफीनामा प्रकाशित किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि, क्या माफीनामा का साइज भी आपके द्वारा पूर्व में जारी किये गए विज्ञापन जैसा था ? इस पर पतंजलि का पक्ष रख रहे वकील ने कहा, 'नहीं मिलॉर्ड, इसकी कीमत बहुत है...लाखों रुपए।' जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने मामले की सुनवाई की थी। इस केस की अगली सुनवाई 30 अप्रैल तय की गई है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पक्षकार बनाया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच अगली सुनवाई में बड़ी - बड़ी कंपनियों द्वारा भ्रामक स्वास्थ दावों के मुद्दे पर भी जांच कर सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है। यह स्पष्टीकरण एक पत्र से सम्बन्धित है जिसमें राज्यों से औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 के अनुसार आयुष उत्पादों के विज्ञापन के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज करने को कहा गया था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT