हाइलाइट्स :
एनसीपी बनाम एनसीपी केस में सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्णय।
जीतेंद्र अहवाद ने कहा, 'कोर्ट का मतलब साफ चुनाव चिह्न जाने वाला है।'
NCP vs NCP : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग से एनसीपी के शरद पवार गुट - 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के नाम और 'मैन ब्लोइंग तुरहा' चुनाव चिह्न को लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए मान्यता देने को कहा है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, शरद पवार गुट का नाम और चुनाव चिन्ह किसी और को नहीं दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग से शरद पवार गुट के लिए 'तुरहा उड़ाता आदमी' चुनाव चिह्न आरक्षित करने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि, यह चुनाव चिह्न किसी अन्य पार्टी या उम्मीदवार को आवंटित नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को भी निर्देश दिया है की, वे आवंटित 'घड़ी' चिन्ह' के प्रयोग को लेकर एक पब्लिक नोटिस जारी करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश देते हुए कहा कि, उन्हें अंग्रेजी, हिंदी, मराठी मीडिया में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना होगा। उन्हें अपने सभी अभियान विज्ञापनों में यह उल्लेख करने लरना होगा कि उन्हें आवंटित चुनाव चिन्ह 'घड़ी' का निशान से जुड़ा मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है।
एनसीपी (एससीपी) नेता जीतेंद्र अहवाद ने कहा कि, 'अजित पवार "घड़ी" चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर सकेंगे लेकिन हर पोस्टर पर यह लिखना होगा कि हम (एनसीपी) अंतिम निर्णय तक इस चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट का मतलब साफ है कि चुनाव चिह्न जाने वाला है। वे लोग पवार साहब की फोटो का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते।
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