मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कहा- केंद्र के समय पर हस्तक्षेप करने से बचा मणिपुर
चीन के अरुणाचल पर दावे और मिजोरम में बढ़ रही घुसपैठ को लेकर भी दिया बयान
Manipur Violence : मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के समाचार पत्र के इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कथित तौर पर 11 महीनों से जातिय हिंसा में जल रहे मणिपुर को लेकर कहा कि केंद्र सरकार के समय पर हस्तक्षेप करने से मणिपुर को बचाया गया है। समाचार पत्र को दिए एक इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर से संबंधित कई गंभीर मुद्दों को संबोधित किया, जिनमें म्यांमार के नागरिकों की आमद, असम में उग्रवाद और अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे पर चिंताएं शामिल हैं।
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर केंद्र सरकार द्वारा संकट से निपटने के लिए मिली आलोचना पर, पीएम मोदी ने कहा कि "स्थिति से संवेदनशील तरीके से निपटना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमने संघर्ष को हल करने के लिए अपने सर्वोत्तम संसाधन और प्रशासनिक मशीनरी समर्पित की है।भारत सरकार के समय पर हस्तक्षेप और मणिपुर सरकार के प्रयासों से राज्य की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर हिंसा मामले में गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका को लेकर कहा कि "जब संघर्ष चरम पर था तब गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में रहे और संघर्ष को सुलझाने में मदद के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ 15 से अधिक बैठकें कीं। राज्य सरकार की आवश्यकता के अनुसार केंद्र सरकार लगातार अपना समर्थन दे रही है।"
बता दें कि, कांग्रेस ने पहले पीएम मोदी की असम यात्रा के दौरान विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में "बढ़ती अस्थिरता और अशांति" के लिए केंद्र की आलोचना की थी। विपक्षी दल ने हिंसा से जूझ रहे राज्य मणिपुर से प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर चिंता जताई थी।
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की सुरक्षा और भारत के साथ इसके एकीकरण को बनाए रखने के लिए लागू किए जा रहे उपायों पर भी अपना रुख साफ़ किया है। पीएम मोदी ने कहा कि "अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का एक अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। वर्तमान में, विकास पहल तेजी से पहुंच रही है।" प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन राज्य के कई हिस्सों पर दावा कर रहा है और कई स्थानों का नाम भी बदल रहा है। इसके बाद पीएम मोदी ने मिजोरम में सीमा घुसपैठ के मुद्दे पर भी विस्तार से बात की।
पीएम मोदी के अनुसार, पड़ोसी देश के आंतरिक मामलों के कारण हाल ही में भारत में म्यांमार के नागरिकों की आमद बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि "सीमा सुरक्षा बढ़ाने और घुसपैठ को रोकने के लिए, केंद्र ने कई उपाय लागू किए हैं। इनमें म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था को बंद करना, भारत-म्यांमार सीमा पर सीमा सुरक्षा बलों की उपस्थिति को बढ़ाना, सुरक्षा एजेंसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना और बाड़ लगाना शामिल है।" पीएम मोदी के अनुसार, उग्रवाद, घुसपैठ और उपेक्षा जैसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को संबोधित करने में केंद्र के प्रयासों से उल्लेखनीय परिणाम मिले हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा, क्षेत्र में उग्रवाद में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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