हाइलाइट्स :
22 मार्च को होगी कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई।
Zomi स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा दायर की गई थी PIL
UPSC CSE 2024 Exam In Manipur : नई दिल्ली। मणिपुर सरकार ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मौजूदा स्थिति में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 (UPSC CSE 2024) को आयोजित करना संभव नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय में के PIL पर सुनवाई हो रही थी इस दौरान मणिपुर के मुख्य सचिव द्वारा लिखा गया एक पत्र कोर्ट को सौंपा गया। दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, मणिपुर के पहाड़ी जिलों के आदिवासी उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक और पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे परीक्षा देने के लिए सक्षम हो सकें। मणिपुर सरकार का कहना है कि, छात्रों को राज्य के बाहर निकटतम परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएं जैसा कि पिछली बार किया गया था।
मणिपुर सरकार का कहना है कि, राज्य की स्थिति को देखते हुए और यूपीएससी परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए मणिपुर राज्य में केंद्र प्रदान करना उचित नहीं होगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने पत्र की जांच की।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए और कहा कि मुख्य सचिव का पत्र एक कहानी है और यहां तक कि मणिपुर में राज्य सरकार के पदाधिकारी और पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं। दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने UPSC की ओर से पेश वकील से मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा है।
Zomi स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि मणिपुर के पहाड़ी जिलों में कोई भी परीक्षा केंद्र स्थित नहीं है, केवल परीक्षा केंद्र इंफाल में है। याचिका में कहा गया था कि, जातीय संघर्ष को देखते हुए, पहाड़ी जिलों के कुकी-ज़ोमी आदिवासी उम्मीदवार इंफाल की यात्रा नहीं कर सकते हैं और CSE परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं।
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