हाइलाइट्स :
फैमिली कोर्ट में दायर मामलों को जल्द सुलझाने में मिलेगी मदद
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 10 और पारिवारिक न्यायालय के निर्माण की मंजूरी दी
दिल्ली में अदालतों की संख्या बढ़कर हुई 31
दिल्ली, भारत। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब फैमिली कोर्ट में दायर मामलों को जल्द सुलझाने में मदद मिलेगी, क्योंकि राजधानी में 10 और फैमिली कोर्ट बनने जा रहे है। एक दशक से अधिक समय से लंबित मामलों पर निर्णय लेने में मदद करने के लिए आज मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 10 और पारिवारिक न्यायालय के निर्माण की मंजूरी दी हैं।
दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से सामने आई जानकारी के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राजधानी में 10 और पारिवारिक अदालतों के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिससे शहर में ऐसी अदालतों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा 10 और पारिवारिक न्यायालय के निर्माण के ऐलान किए जाने के बाद से अब 10 नए न्यायाधीशों समेत 71 अन्य पद भरे जाएंगे। इन पदों में रीडर, स्टेनो/सीनियर पीए, स्टेनो/पीए, अहलमद/जेए, सहायक अहलमद, नायब नाजिर, अर्दली और स्टाफ कार ड्राइवर शामिल हैं।
कोर्ट में वतर्मान में 46,000 मामले लंबित :
मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में फैमिली कोर्ट में लगभग 46,000 मामले लंबित होने की सूचना है। इस दौरान सबसे कम 1321 प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, साकेत के पास लंबित हैं और सबसे अधिक 3654 मामले पारिवारिक न्यायालय, रोहिणी में लंबित हैं। फैमिली कोर्ट मुख्यालय, द्वारका के अनुसार, प्रतिदिन औसतन लगभग 150-200 मामले पारिवारिक न्यायालयों में पंजीकृत होते हैं और इन न्यायालयों में लगभग 80% कर्मचारी अन्य विभागों से भिन्न क्षमता पर काम कर रहे हैं।
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