Kuldeep Singh Sengar Priyanka Sahu -RE
दिल्ली

क्या 20 को होगा उन्नाव के आरोपी विधायक का फैसला या मिलेगी नई तारीख

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने वर्ष 2017 के उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए कुलदीप सेंगर की सजा को लेकर 20 दिसंबर को फिर बहस होगी व कोर्ट इसी दिन अपना अंतिम फैसला सुना सकती है।

Author : Priyanka Sahu

हाइलाइट्स :

  • दुष्कर्म व अपहरण मामले पर कुलदीप सेंगर दोषी करार

  • 20 दिसंबर को तीस हजारी कोर्ट सुना सकती है फैसला

  • दुष्कर्म के दोषी विधायक कुलदीप की सजा पर बहस

  • कोर्ट में 2017 के उन्नाव रेप मामले पर अब शुक्रवार को होगी बहस

राज एक्‍सप्रेस। उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म केस में दोषी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को सजा का मामला काफी चर्चा में है और इस ममाले पर आज दिल्ली की कोर्ट में बहस भी हुई है। इस दौरान CBI द्वारा आरोपी कुलदीप सेंगर को अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की।

20 दिसंबर को हो सकता है अंतिम फैसला :

दिल्ली की कोर्ट में दोषी विधायक की सजा को लेकर अब 20 दिसंबर को बहस होगी, हो सकता है इस मामले पर इसी दिन कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएं। फिलहाल अभी तो इस मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।

कोर्ट ने इस मामले के एक और आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ कुलदीप सेंगर को आईपीसी के तहत रेप और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दोषी ठहराया है।

क्‍या है मामला?

यह मामला वर्ष 2017 का है, इस दौरान बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक नाबालिग किशोरी को अगवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसी वर्ष जुलाई में ही दुष्कर्म पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मारी थी, जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, तो वहीं पीड़ित लड़की गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी और सभी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि, इन्‍हीं आरोपों व दर्ज मुकदमे के कारण बीजेपी पहले ही कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर चुकी है।

बताते चलें कि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे को लखनऊ से दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 दुष्कर्म, 363 अपहरण, 120 बी आपराधिक षड्ंयत्र, 366 अपहरण और महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून की प्रासंगिक धारा के तहत आरोप तय किए हैं।

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