न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा बुलडोजर Syed Dabeer Hussain - RE
दिल्ली

दिल्‍ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा बुलडोजर

दिल्‍ली के शाहीन बाग के बाद अब न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का नंबर आया है, आज मंगलवार को MCD का बुलडोजर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा है।

Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है, राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण का अभियान चल रहा है, शाहीन बाग के बाद अब न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की बारी आई है, इस दौरान MCD का बुलडोजर आज मंगलवार को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा है।

SDMC का अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान :

दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के चलते पुलिस मौके पर मौजूद है। यहां SDMC द्वारा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) सेंट्रल जोन के चेयरमैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, ''आज यानी मंगलवार को 11 बजे से न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलेगा।'' तो वहीं, एसडीएमसी के एक्शन प्लान के मुताबिक, आज न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से बौद्ध धर्म मंदिर और गुरुद्वारा रोड के आसपास अतिक्रमण पर बुलडोजर चलेगा।

गरीब-अमीर में कोई फर्क किए बिना दिल्ली से अतिक्रमण हटेगा। एसडीएमसी की ओर से अतिक्रमण हटाने पर जो खर्च आएगा, उसकी भरपाई संपत्ति मालिक करेंगे। शाहीन बाग इलाके में अधिक अतिक्रमण हुआ है, क्योंकि वहां भाजपा के विधायक और पार्षद नहीं हैं। शाहीन बाग इलाके में करीब 50 फीसदी लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है। शेष अतिक्रमणों को नगर निगम हटाएगा, पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक ने भी जो अतिक्रमण किया है, नगर निगम इन अतिक्रमणों को भी हटाएगा।
एसडीएमसी सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल

बता दें कि, सोमवार को शाहीन बाग क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत कार्रवाई की जानी थी, लेकिन वहां लोगो के हाई वोल्टेज ड्रामे के कारण निगम की कार्रवाई नहीं हो सकी और MCD का बुलडोजर अवैध अतिक्रमण को हटाए बगैर वापस लौट गया।

हालांकि, शाहीन बाग इलाके में एमसीडी के अतिक्रमण विरोधी अभियान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, इस दौरान कोर्ट ने शाहीन बाग इलाके में एमसीडी के अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर दायर याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर याचिकाकर्ताओं को दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया है।

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