हाइलाइट्स :
भारत मंडपम में IIMC का 55 वां दीक्षांत समारोह।
राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल।
विद्यार्थियों से पत्रकारिता के उच्च मापदंड स्थापित करने की अपील।
दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) का 55वां दीक्षांत समारोह बुधवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया गया। भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। राम नाथ कोविन्द ने इस समारोह में तकनीक के इस दौर में दीपफेक और फेक न्यूज़ पर चिंता जताई। इस समारोह में 65 विद्यार्थियों पुरस्कार दिए गए।
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा, आज का दिन एक बहुत अहम हैं। प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के साथ सभी छात्र इस यात्रा के स्वर्णिम पड़ाव पर हैं। कोई भी सफलता साझी होती है अकेले नहीं। छात्रों की सफलता में शिक्षकों और माता पिता का अहम योगदान होता है। आईआईएमसी ने 58 साल पूरे कर लिए हैं। आप सभी को नैतिकता के उच्च माप दंड स्थापित करने हैं। पत्रकारों की कलम में बहुत बड़ी ताकत है और इस कलम की ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है।
उदन्त मार्तण्ड का ध्येय वाक्य - "हिन्दुस्तानियों के हिट का हेत"
दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राम नाथ कोविन्द ने हिंदी भाषा के पहले समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड को याद किया और बताया कि, उदन्त मर्त्यंड का धेय्य वाक्य था "हिन्दुस्तानियों के हिट का हेत", इस एक वाक्य में पत्रकारिता का मूल है। मीडिया ने अपने लम्बे इतिहास में यह स्थापित किया है कि, पत्रकारिता सही मायनों में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। मैं कहना चाहूंगा कि, चौथे स्तम्भ की संविधान में चर्चा नहीं है लेकिन सबसे ज्यादा जिम्मेदारी मीडिया की है।
पूर्व राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि, अटल जी कहते थे समाज के हर क्षेत्र में फिसलन है जो फिसल गया...मिर्च मसाला व किसी एक पक्ष से प्रभावित होकर रिपोर्टिंग की जाती है तो यह अन्याय है। ऊंची टीआरपी प्राप्त करने के लिए रिपोर्टिंग समाज के लिए घातक है। सभी अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। यह अच्छे लक्ष्य भी हैं लेकिन इन्हे प्राप्त करे की राह में सच्चे पत्रकार की भूमिका आप (विद्यार्थी) निभाएंगे ऐसी मुझे उम्मीद है।
दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये गए। इसके अलावा, 65 विद्यार्थियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। बता दें कि, भारतीय जन संचार संस्थान देश का सबसे प्रतिष्ठित मीडिया एवं संचार शिक्षण संस्थान है। वर्ष 1965 में स्थापित आईआईएमसी हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।