हाइलाइट्स :
श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में 40 लोग हुए थे घायल।
JKLF प्रमुख यासीन मलिक साल 2019 से जेल में बंद है।
यासीन मलिक ने VC के जरिए अदालती कार्यवाही में भाग लिया।
नई दिल्ली। स्पेशल CBI कोर्ट में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को आईविटनेस ने पहचान लिया। इस आईविटनेस ने साल 1990 की 25 जनवरी को क्या हुए पूरे घटनक्रम के बारे में भी बताया। गवाही देते हुए आईविटनेस ने बताया कि, यासीन मलिक ने फिरन उठाकर अपनी बन्दूक निकाली और भारतीय वायुसेना कर्मियों के एक समूह पर गोलियां चला दीं। बता दें कि, यासीन मलिक साल 2019 से जेल में बंद है।
25 जनवरी साल 1990 में एक आतंकवादी हमले में चार भारतीय वायुसेना कर्मी मारे गए थे। इस हमले में पूर्व भारतीय वायुसेना कॉर्पोरल राजवार उमेश्वर सिंह बच गए थे। अदालत ने गवाही देते हुए राजवार उमेश्वर सिंह ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को मुख्य शूटर बताया। यासीन मलिक ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो के जरिए अदालती कार्यवाही में भाग लिया था।
श्रीनगर में 25 जनवरी, साल 1990 को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों में रावलपोरा में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित चार लोग शामिल थे। इस हमले में 40 लोग घायल भी हो गए थे। भारतीय वायुसेना के कर्मचारी ड्यूटी के लिए पुराने श्रीनगर हवाई क्षेत्र में अपनी पिकअप का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान आतंकवादियों ने उनपर गोलीबारी कर दी थी। इसके बाद 31 अगस्त, 1990 को जम्मू में नामित टाडा अदालत के समक्ष मलिक और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। मलिक के अलावा, अन्य आरोपी जेकेएलएफ के कार्यकर्ता अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ 'नलका', शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल हैं।
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