हाइलाइट्स :
फ़रीदाबाद में ज़मीन की खरीदी से जुड़ा है मामला।
NRI समेत यूके नागरिक की केस में भूमिका।
मामले में अब तक रॉबर्ट वाड्रा का बनान नहीं आया है सामने।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सीसी थम्पी और यूके के नागरिक सुमित चड्ढा के खिलाफ पूरक शिकायत (Supplementary Prosecution Complaint) दयार की। सीसी थम्पी एनआरआई हैं। इन पर आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत जाँच की जा रही है। गौरतलब है कि, इस चार्जशीट में सीसी थम्पी को रॉबर्ट वाड्रा का सहयोगी बताया गया है। ईडी की चार्जशीट में सीसी थम्पी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच आर्थिक लेनदेन की बात भी कही गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले एनआरआई चेरुवथुर चकुट्टी थम्पी (सीसी थम्पी) के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज की। दिल्ली की विशेष न्यायालय (PMLA) ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार ईडी द्वारा यह जांच काला धन और से अधिक संपत्ति की शिकायत प्राप्त होने पर की थी।
जानते हैं क्या है मामला :
दरअसल ईडी की जांच में एक संजय भंडारी नाम के व्यक्ति के पास कई अघोषित विदेशी आय और संपत्तियां पाई गई थी। इन सम्पत्तियों में में 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन और 6 ग्रोसवेनर हिल कोर्ट शामिल है। ये संपत्तियां पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के अनुसार अपराध से अर्जित आय हैं। सीसी थम्पी और सुमित चड्ढा को अपराध की इस आय को छिपाने और उपयोग करने में शामिल पाया गया है।
इससे पहले, संजय भंडारी उनसे जुड़ी संस्थाओं, संजीव कपूर और अनिरुद्ध वाधवा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। जांच शुरू होने के बाद एलडी स्पेशल कोर्ट ने संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। यूके में सक्षम प्राधिकारी ने भी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है और उन्होंने इस मामले में यूके के माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देते हुए एक अपील दायर की। इसके बाद भारत में संजय भंडारी के 26.55 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया गया।
अब इस पूरे मामले में ईडी की जांच में यह पता चला कि, सीसी थम्पी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने न केवल 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर जो की संजय भंडारी के नाम पर थी, का नवीनीकरण किया बल्कि सुमित चड्ढा के माध्यम से लंदन में भी रहे। इसके अलावा, रॉबर्ट वाड्रा और सीसी थम्पी ने फ़रीदाबाद में ज़मीन का बड़ा हिस्सा खरीदा और एक-दूसरे के साथ वित्तीय लेनदेन किया।
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