हाइलाइट्स :
कांग्रेस ने उठाया चीन के साथ सीमा सुरक्षा का मुद्दा।
11 जनवरी को सेना अध्यक्ष ने की थी वार्षिक वार्ता।
पीएम की लक्ष्यद्वीप यात्रा पर भी कसा कांग्रेस ने तंज।
नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा चीन के साथ सीमा विवाद पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस की ओर से महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि, 18 दौर की वार्ता के बावजूद 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी नियंत्रण जारी है। लेह के पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत एक पेपर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत अब 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 तक नहीं जा सकता है। यह केंद्र सरकार की कमजोरी दिखाता है।
जयराम रमेश ने कहा कि, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 11 जनवरी को 2024 की अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान उन्होंने जो बातें कही वे केंद्र सरकार में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिवेश के कमज़ोर होने के काफ़ी महत्वपूर्ण समय की याद दिलाता हैं। जनरल पांडे ने कहा कि, "हमारा प्रयास 2020 से पहले जैसी स्थिति पर वापस जाने के लिए बातचीत (चीन के साथ) जारी रखने का है।" उनकी यह टिप्पणी याद दिलाती है कि घुसपैठ के लगभग चार साल बाद भी चीनी भारतीय सैनिकों को लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक जाने से रोक रहा है।
केंद्र को घेरते हुए जयराम रमेश ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून 2020 को चीन को दी गई क्लीन चिट जब उन्होंने कहा था "न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है" हमारे शहीद जवानों का अपमान था। उस क्लीन चिट की वजह से ही 18 दौर की वार्ता के बावजूद 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी नियंत्रण जारी है। लेह के पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत एक पेपर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत अब 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 तक नहीं जा सकता है। ये वे पेट्रोलिंग प्वाइंट्स है, जहां भारतीय सेना के जवान 2020 से पहले तक बिना किसी रोक-टोक के पेट्रोलिंग किया करते थे। आज रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देपसांग और डेमचोक जैसे क्षेत्र भी भारतीय सैनिकों की पहुंच से दूर हैं।
मालदीव - भारत संबंध पर भी बोले जयराम रमेश :
मालदीव - भारत संबंध पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, चीन हमारे पड़ोस में भी अपनी पकड़ मज़बूत कर रहा है। सबसे ताज़ा उदाहरण यह है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत से पहले चीन का दौरा करने वाले वहां के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। हमारे क़रीबी सहयोगियों में से एक भूटान में भी चीन लगातार दखलंदाजी कर रहा है। ऐसा लगता है जैसे प्रधानमंत्री ये मानते हैं कि समुद्र तट पर घूमना और सोशल मीडिया पर अभियान चलाना देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए की जाने वाली वास्तविक कार्रवाइयों के विकल्प हैं।
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