हाइलाइट्स-
सात भाजपा विधायकों के निलंबन को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया।
विधायकों पर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप थे।
दिल्ली, भारत। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विधानसभा से सात भाजपा विधायकों के निलंबन को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया। उन्होंने अपने निलंबन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इन विधायकों को 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल विनय सक्सेना के संबोधन के दौरान हुए, उपद्रव को लेकर 16 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने विधायकों की याचिका पर 27 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन विधायकों पर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप थे।
बता दें कि, विधायकों पर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप थे। इनके खिलाफ आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे (Dilip Pandey) ने निलंबन का प्रस्ताव रखा था, जिसे पारित कर दिया था। वहीं, स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों द्वारा बाधा डालने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया था।
सुनवाई में कोर्ट ने कही यह बात:
हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने आदेश सुनाते हुए कहा कि, रिट याचिकाओं को स्वीकार किया जाता है। वहीं, कोर्ट में विधायकों की ओर से तर्क दिया गया था कि, मामले में विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही के समापन तक उनका निलंबन नियमों का उल्लंघन है। जबकि विधानसभा अधिकारियों ने यह दलील दी कि, विधायकों का निलंबन उचित है।
वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा अधिकारियों ने अदालत में कहा था कि विपक्षी विधायकों ने 15 फरवरी को एनजी सक्सेना को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कई बार रोका था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि एलजी ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला था।
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