दिल्ली, भारत। एक सुरक्षित व स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण और भारत को कोरोना मुक्त करने के लिए देश में बड़े स्तर पर कोरोना टीकाकरण अभियान जारी है। देशभर में कोरोना वैक्सीन का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद बारी-बारी से लोगों को आयु वर्ग के हिसाब से वैक्सीन की डोज देना शुरू किया गया। इस बीच अब कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को भी खतरा होने पर उन्हें भी वैक्सीनेशन लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
DCGI की याचिका पर दिल्ली HC ने सुनाया यह फैसला :
देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण का कहर तेजी से बरपा है। इस बीच सरकार ने वैक्सीनेशन का अभियान तेज किया और बारी-बारी से पहले हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 साल से ऊपर के लोगों और फिर 45 साल के लोगों को वैक्सीन, इसके बाद 1 मई से 18 साल अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन की डोज लगना शुरू हुई और अब 2 साल से लेकर 18 साल तक के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन की बात सामने आ रही है। आज ही दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 2-18 वर्ष के बच्चों पर कोवैक्सिन के चरण 2-3 के परीक्षणों के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुनाया है।
क्लीनिकल ट्रायल पर रोक से इनकार किया :
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के साथ ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी किया है। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने क्लीनिकल ट्रायल पर अंतरिम रोक लगाने से साफ इंकार दिया है। इसके चलते अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, देश को जल्द ही बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी।
बच्चों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति :
बता दें कि, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को ही यह बताया था- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2-18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी है। इसका क्लीनिकल ट्रायल 10 से 12 दिनों में शुरू हो जाएगा।कोरोना के इलाज के लिए डीआरडीओ की दवा की हम कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स में जांच करेंगे और कोरोना के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में शामिल करने को लेकर फैसला लेंगे। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
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