हाइलाइट्स
रक्षा मंत्रालय ने 5,336.25 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ के लिए अनुबंध पर किए हस्ताक्षर।
इसका उद्देश्य आयात को कम करने, गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ सैन्य अभियानों के लिए निरंतर तोपखाने की मारक क्षमता प्रदान करते हैं।
दिल्ली। भारतीय सेना के लिए रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को 5,336.25 करोड़ रुपये की कुल लागत पर 10 साल की अवधि के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पुणे के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस योजना का उद्देश्य है, आयात को कम करने, गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करने और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान से प्रभावित स्टॉक को सुरक्षित करने के लिए गोला-बारूद भंडार का निर्माण करना है।
इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ मध्यम से भारी कैलिबर आर्टिलरी बंदूकों का एक अभिन्न अंग हैं जो सैन्य अभियानों के लिए निरंतर तोपखाने की मारक क्षमता प्रदान करते हैं। फ़्यूज़ को तोपखाने की तोपों में उपयोग के लिए खरीदा जाएगा, जो उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रकार के इलाकों में घातक हमले करने में सक्षम हैं।
इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ का निर्माण बीईएल द्वारा अपने पुणे और आगामी नागपुर संयंत्र में किया जाएगा। यह परियोजना डेढ़ लाख मानव दिवसों के लिए रोजगार पैदा करेगी और गोला-बारूद निर्माण में एमएसएमई सहित भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और देश में गोला-बारूद विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को व्यापक बनाएगी।
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