हाइलाइट्स
अंकित सक्सेना मर्डर केस में सुनवाई 2 मार्च को।
6 साल पहले हुई थी अंकित सक्सेना की हत्या।
Ankit Saxena Murder Case : दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को 2018 के अंकित सक्सेना मर्डर केस में दीषियों को सजा देने के मामले में दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने पीड़ित के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का आकलन करते हुए पीड़ित के प्रभाव की रिपोर्ट दाखिल की। एडिशनल सेशंस जज सुनीत कुमार शर्मा ने इस मामले में तीन दोषियों की सजा पर दलीलें सुनने के लिए मामले को दो मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है।
दरअसल, 6 साल पहले फरवरी 2018 में पश्चिमी दिल्ली में फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप अंकित की प्रेमिका के माता-पिता और मामा पर लगा, जिन्होंने इस रिश्ते पर आपत्ति होने की वजह से अंकित की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अंकित की हत्या मामले में तीस हजारी कोर्ट ने प्रेमिका के माता-पिता और मामा को दोषी ठहराया, और दोषियों के खिलाफ आरोपों में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 शामिल हैं। वहीं प्रेमिका की मां शाहनाज बेगम को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का भी दोषी ठहराया गया है।
गौरतलब है कि, 31 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए डीएलएसए को पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट संकलित करने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। दरअसल, अंकित की मौत के 3 साल बाद उनके पिता की भी मौत हो गई। अब अंकित के परिवार में उनकी मां एकमात्र जीवित सदस्य हैं। यह रिपोर्ट उन्हें मिलने वाले मुआवजे के आकलन के लिए महत्वपूर्ण है।
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