हाइलाइट्स :
पायलटों की ड्यूटी थकान रहित बनाने के लिए नियमों में बदलाव ।
सुरक्षा जोखिमों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा।
मध्यरात्रि 12 बजे से सुबह छह बजे तक अवधि को रात माना गया।
दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने विमानों के पायलटों की उड़ान ड्यूटी के नियमों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किये हैं जिसके बाद पायलटों की थकान संबंधी सुरक्षा जोखिमों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। नियमों में जो परिवर्तन किये गये हैं उनमें उड़ान चालक दल के लिए साप्ताहिक आराम अवधि का विस्तार करके 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे करने का आदेश दिया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि डीजीसीए ने अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, उड़ान चालक दल के लिए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिससे पिछले एक दशक से भी अधिक समय से थकान संबंधी विमानन सुरक्षा जोखिमों का समुचित प्रबंधन किया जा सकेगा। नियमों में परिवर्तन नागरिक उड्डयन क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों सुनिश्चित करेंगे और ये सुधार पायलटों की थकान को दूर करने, समग्र उड़ान सुरक्षा को बढ़ाने और भारत में विमानन क्षेत्र की अनुमानित वृद्धि के साथ इसे संतुलित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
संशोधित एफडीटीएल नियम तत्काल प्रभावी हो गये हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों को एक जून तक संशोधित नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करने की हिदायत दी गयी है। इससे एयरलाइन ऑपरेटरों को लॉजिस्टिक्स, सिस्टम परिवर्तन और परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए परिवर्तनों को अपनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा। इस प्रकार पायलटों को लगातार ड्यूटी से होने वाली थकान से उबरने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।
रात की परिभाषा में संशोधन:
रात्रि ड्यूटी के लिए रात की परिभाषा में संशोधन किया गया है, जो अब पिछले नियमों के तहत मध्य रात्रि 12 बजे से सुबह पांच बजे की बजाय संशोधित नियमों में मध्यरात्रि 12 बजे से सुबह छह बजे तक अवधि को रात माना गया है। सुबह के समय एक घंटे की यह वृद्धि पर्याप्त आराम सुनिश्चित करेगी और रात्रि ड्यूटी अवधि में रात्रि 02:00-06:00 बजे के बीच विंडो ऑफ सर्कैन्डियन लो (डब्ल्यूओसीएल) शामिल किया गया है यानी वह समय जिसके दौरान सर्कैन्डियन बॉडी क्लॉक चक्र अपने सबसे निचले स्तर पर होता है।
अधिकतम उड़ान समय, अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि और रात के दौरान लैंडिंग की संख्या में संशोधित नियम लाये गये हैं। उनमें अलग अलग समय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के संचालन को ध्यान में रखा गया है। रात में उड़ान संचालन के लिए अधिकतम उड़ान समय और अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि क्रमश: आठ घंटे उड़ान समय और 10 घंटे उड़ान ड्यूटी अवधि तक सीमित कर दी गई है और लैंडिंग की संख्या पिछले नियमों के तहत अधिकतम अनुमेय 6 लैंडिंग की तुलना में केवल दो लैंडिंग तक सीमित कर दी गई है। रात्रि संचालन के दौरान इस प्रकार उड़ान सुरक्षा में वृद्धि होगी।
त्रैमासिक थकान रिपोर्ट होगी प्रस्तुत:
डीजीसीए ने अनिवार्य किया है कि सभी एयरलाइन ऑपरेटर विश्लेषण के बाद त्रैमासिक थकान रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसमें ऐसी रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई भी शामिल होगी। इसके अलावा यह निर्धारित किया गया है कि थकान रिपोर्ट गैर-दंडात्मक होगी और गोपनीयता नीति का पालन करेगी। इसके अलावा डीजीसीए थकान प्रबंधन की एक नई व्यवस्था-थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली (एफआरएमएस) को अपनाने का विचार कर रहा है। संशोधित एफडीटीएल विनियमन उड़ान चालक दल की थकान की निगरानी और रिपोर्टिंग को बढ़ाने के लिए एक डेटा-संचालित व्यवस्था है। विभिन्न विमानन हितधारकों जैसे कि नियामक, एयरलाइन ऑपरेटरों, उड़ान चालक दल आदि के सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी,रिकॉर्ड रखने और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी। संशोधित नियमों के कार्यान्वयन से विमानन क्षेत्र अधिक सुरक्षित होगा।
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