हाइलाइट्स :
भारत ने की चांद पर सैर
चंद्रयान-3 के लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आया
प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और ISRO के अमिट निशान छोड़े
प्रज्ञान की सफल तैनाती के लिए राष्ट्रपति ने इसरो टीम को बधाई दी
दिल्ली, भारत। भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर दुनिया का पहला देश बना और नया इतिहास रचा है। इस बीच आज गुरूवार (24 अगस्त) को चंद्रयान-3 मिशन का ताजा अपडेट के साथ एक ओर खुशखबर सामने आई है कि, धूल के पूरी तरह से खत्म होने के बाद लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आ गया है और प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान की अमिट छाप भी छोड़ दी हैं। अब वह चांद की सतह पर घूम रहा है।
दरअसल, करीब 14 घंटे बाद लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आया। इस बारे में ISRO की ओर से INSPACE चेयरमैन पवन के गोएनका ने जानकारी दी और कहा- चंद्रयान-3 मिशन : चंद्रयान-3 रोवर: भारत में निर्मित... चांद के लिए बनाया गया! चंद्रयान-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा... भारत ने की चांद पर सैर!
अब यह होगी आगे की प्रोसेस :
बता दें कि, लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अहम कम रोवर प्रज्ञान का बाहर आना था, जो कामयाब रहा। अब इस मिशन के आगे की प्रोसेस यह है कि, विक्रम एवं प्रज्ञान दोनों मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का हालचाल बताएंगे। इस दौरान अभी 14 दिन ओर प्रज्ञान चांद पर रहेगा और अध्ययन कर डेटा इकट्ठा करके लैंडर विक्रम को भेजेगा। फिर लैंडर द्वारा सभी जानकारियां इसरो के साइंटिस्टों तक भेजी जाएंगी।
प्रज्ञान की सफल तैनाती के लिए इसरो टीम को बधाई :
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रज्ञान की सफल तैनाती के लिए इसरो टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, विक्रम की लैंडिंग के कुछ घंटों बाद रोवर का बाहर निकलकर चांद की सतह पर घूमना चंद्रयान-3 के एक और चरण की सफलता का प्रतीक है। मैं उत्साह के साथ उस जानकारी और विश्लेषण की प्रतीक्षा कर रही हूं, जो प्रज्ञान हासिल करेगा और चंद्रमा के बारे में हमारी समझ को समृद्ध करेगा।
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