हाइलाइट्स :
CPR का लाइंसेंस 180 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था।
सीपीआर की प्रेसिडेंट ने कहा हर संभव तरह से सहायता लेंगे।
जाना माना थिंक टैंक है सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च।
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने अग्रणी सार्वजनिक नीति अनुसंधान संस्थान सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) का एफसीआरए (FCRA) पंजीकरण रद्द कर दिया है। जानकारी के अनुसार सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की विदेशी फंडिंग में अनियमितताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। इसके पहले CPR का लाइंसेंस 180 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस रद्द करने का निर्णय पिछले सप्ताह लिया था। इस संबंध में संस्थान को भी सूचित कर दिया गया है। CPR एक काफी जाना माना थिंक टैंक है। यह भारत सरकार की नीतियों पर शोध करता है। इसका नाम कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी से जुड़ा है क्योंकि वो इस संस्थान की सीईओ हैं।
CPR की प्रेसिडेंट यामिनी अय्यर की और से FCRA लाइसेंस रद्द होने पर बयान जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि, 10 जनवरी 2024 को सीपीआर को गृह मंत्रालय से उसका एफसीआरए दर्जा रद्द करने का नोटिस मिला। इस निर्णय का आधार समझ से परे और असंगत है, और दिए गए कुछ कारण एक शोध संस्थान के कामकाज के आधार को चुनौती देते हैं। हमारे निलंबन के कार्यकाल के दौरान, हमने माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय से अंतरिम निवारण मांगा था। हम सभी संभावित तरीकों से सहायता लेना जारी रखेंगे।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, ये कार्रवाइयां सितंबर 2022 में हुए एक आयकर "सर्वेक्षण" के बाद हुईं। इन कार्रवाइयों ने फंडिंग के सभी स्रोतों को अवरुद्ध करके संस्था की कार्य करने की क्षमता पर दुर्बल प्रभाव डाला है। इसने नीतिगत मामलों पर उच्च गुणवत्ता, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अनुसंधान के उत्पादन के अपने सुस्थापित उद्देश्य को आगे बढ़ाने की संस्थान की क्षमता को कमजोर कर दिया है। 50 वर्षों के अस्तित्व में यह संस्थान देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, राजनयिकों और नीति निर्माताओं का घर रहा है।
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