हाइलाइट्स
महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी।
संसद सदस्यता रद्द करने के फैसले को देगी चुनौती।
Cash For Query Case : नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद सोमवार 11 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। यहाँ उन्होंने एथिक्स कमेटी के खिलाफ याचिका दायर की है। कैश फॉर क्वेरी मामले में नेता महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द की गई थी जिस पर महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इंकार किया है।
यह है मामला :
बीते दिनों बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट्री की लॉगिन आईडी और पासवर्ड साझा किया है जिसकी जानकारी के बाद लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने इस मामले में जाँच की। जाँच में पाया गया कि, महुआ मोइत्रा द्वारा पार्लियामेंट्री की लॉगिन आईडी और पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को दिए गए है। इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। लॉगिन आईडी और पासवर्ड के बदले में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा को महंगे गिफ्ट्स और पैसे दिए गए है। इसके बाद एथिक्स कमेटी द्वारा महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई।
महुआ मोइत्रा नेे कहा- सवाल-जवाब का भी मौका नहीं दिया
महुआ मोइत्रा नेे एथिक्स कमिटी द्वारा संसद सदस्यता रद्द किये जाने पर कहा कि, कमेटी के पास उनकी सदस्यता रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने बिजनेसमैन हीरानंदानी से कैश लिया है इस आरोप को सबसे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए ही महुआ की सदस्यता गई। महुआ ने ये भी कहा कि उन्हें हीरानंदानी और उनके पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्रई के साथ सवाल-जवाब का भी मौका नहीं दिया गया।
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