Interim Budget 2024 Raj Express
दिल्ली

Budget 2024 : पढ़िए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण और अंतरिम बजट की प्रमुख बातें

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • 2024 - 25 में कुल व्यय, 47,65,768 करोड़ रुपए होने का अनुमान।

  • राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 5.8 प्रतिशत।

  • पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना।

नई दिल्ली। मोदी सरकार 2.0 का अंतिम बजट पेश हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को सदन के पटल पर अंतरिम बजट 2024 रखा। चुनाव के ठीक पहले इस बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है न ही टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन किया गया है। निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा, साल 2014 में जब हमारी सरकार सत्ता में आई, तब देश बहुत बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा था। सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने मंत्र से इन चुनौतियों पर विजय पायी। पढ़िए बजट और वित्त मंत्री के भाषण की प्रमुख बातें।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण की प्रमुख बातें :

सबका साथ, सबका विकास -

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में साल 2014 में हमारी सरकार सत्ता में आई, तब देश बहुत बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा था। सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने मंत्र से इन चुनौतियों पर विजय पायी। अर्थव्यवस्था में नई मजबूती आई। लोगों को बड़े पैमाने पर विकास के लाभ मिलने लगे।

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास -

दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सभी लोगों और सभी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करके देश को एक संपन्न राष्ट्र बनाने के अपने दायित्वों को पुरजोर तरीके से पूरा किया। सरकार ने अपने मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ पर काम करके इसे और सशक्त बनाया।

सदी की सबसे बड़ी महामारी की चुनौती का सामना -

'सबका प्रयास' के ‘समग्र राष्ट्रीय’ दृष्टिकोण के साथ देश ने सदी की सबसे बड़ी महामारी की चुनौती का सामना किया। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया। ‘पांच प्रण’ के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई और ‘अमृत काल’ की ठोस नींव रखी। हम आशा करते हैं कि इन उपलब्धियों के लिए हमारी सरकार को फिर से भारी जनादेश के माध्यम से लोगों का आशीर्वाद मिलेगा।

2047 तक विकसित भारत -

हमारी सरकार सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। इसमें सभी जातियों और सभी स्तरों के लोग शामिल हैं। हम 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें लोगों की क्षमता में वृद्धि करनी होगी और उन्हें सशक्त बनाना होगा।

सामाजिक न्याय -

पहले, सामाजिक न्याय एक राजनैतिक नारा था। हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी और आवश्यक शासन पद्धति है। सभी पात्र लोगों को लाभान्वित करने का सैचुरेशन दृष्टिकोण ही सच्चे और स्पष्ट अर्थों में सामाजिक न्याय की प्राप्ति है। कार्य रूप में यही धर्मनिरपेक्षता है जिससे भ्रष्टाचार कम होता है और भाई-भतीजावाद पर लगाम लगती है।

चार प्रमुख जातियां -

प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। ये जातियां हैं ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’। उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

अब पढ़िए बजट की प्रमुख बातें :

संशोधित अनुमान 2023 - 24 में कुल व्यय 44,90,486 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है जो वित्तीय वर्ष 2022 - 23 के वास्तविक से 2,97,328 करोड़ रुपए अधिक है। संशोधित अनुमान 2023 - 24 में कुल पूंजीगत व्यय ₹9,50,246 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है।

बजट अनुमान 2024 - 25 में कुल व्यय, 47,65,768 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है जिसमें से कुल पूंजीगत व्यय 11,11,111 करोड़ रुपए है। बजट 2024 - 25 में अवसंरचना विकास में निवेश आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की सतत प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके परिणामस्वरूप संशोधित अनुमान 2023 - 24 से पूंजीगत व्यय में 16.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बजट अनुमान 2024 - 25 में प्रभावी पूंजीगत व्यय का 14,96,693 करोड़ रुपए होना, संशोधित अनुमान 2023 - 24 से 17.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

2024-25 के लिए बजट अनुमान

  • उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 30.80 लाख करोड़ रुपए।

  • कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपए।

  • कर रसीदें 26.02 लाख करोड़ रुपए।

  • पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना 1.3 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ जारी रखी जाएगी।

  • राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के मार्ग पर चलते हुए 2024-25 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.1% होने का अनुमान है।

  • 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और शुद्ध बाजार उधार रु. होने का अनुमान है। 14.13 लाख करोड़ रु क्रमशः 11.75 लाख करोड़, दोनों 2023-24 से कम।

  • केंद्र सरकार द्वारा कम उधारी से निजी क्षेत्र के लिए बड़े ऋण की सुविधा मिलेगी।

2023-24 का संशोधित अनुमान

  • उधार के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए, जिसमें टैक्स प्राप्तियां 23.24 लाख करोड़ रुपए है।

  • कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए।

  • राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान से 30.3 लाख करोड़ रुपए ज्यादा रहने की उम्मीद है।

  • राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 5.8% है।

तीन प्रमुख रेलवे कॉरिडोर :

वित्त मंत्री सीतारमण का कहना है कि, ये लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करेंगे और लागत कम करेंगे। उन्होंने कहा कि 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में परिवर्तित किया जाएगा।

  • ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा

  • पोर्ट - कनेक्टिविटी कॉरिडोर

  • उच्च यातायात घनत्व गलियारा

300 यूनिट बिजली मुफ्त :

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, "रूफ-टॉप सोलराइजेशन के माध्यम से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह योजना अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री के संकल्प का पालन करती है।"

अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.21 लाख करोड़ रूपये :

यह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटन से एक लाख करोड़ (18.35 प्रतिशत) और वित्त वर्ष 23-24 के आवंटन से 4.72 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 27.67 प्रतिशत का एक बड़ा हिस्सा पूंजी में जाता है, 14.82 प्रतिशत परिचालन तैयारियों पर राजस्व व्यय के लिए, 30.68% वेतन और भत्ते के लिए, 22.72% रक्षा पेंशन के लिए और 4.11% रक्षा मंत्रालय के तहत नागरिक संगठनों के लिए जाता है। बजटीय प्रावधानों से स्पष्ट है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले रक्षा पूंजीगत व्यय में वृद्धि का रुझान जारी है। वित्त वर्ष 24-25 के लिए रक्षा में पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये है जो वित्त वर्ष 22-23 के वास्तविक व्यय से 20.33% अधिक है और वित्त वर्ष 23-24 के संशोधित आवंटन से 9.40% अधिक है।

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