हाइलाइट्स :
बिलकिस बनो के तीन दोषियों ने लगाई थी अर्जी।
अदालत ने पिछली सुनवाई में रेमिशन किया था रद्द।
21 जनवरी तक सभी दोषियों को जाना होगा जेल।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों द्वारा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। दोषियों के सरेंडर करने का समय 21 जनवरी को खत्म हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने के दोषियों के आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि, आत्मसमर्पण को स्थगित करने और जेल वापस रिपोर्ट करने के लिए उनके द्वारा बताए गए कारणों और दलीलों में कोई दम नहीं है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां की बेंच ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, "आत्मसमर्पण को स्थगित करने और जेल वापस रिपोर्ट करने के लिए आवेदकों द्वारा पेश किए गए कारणों में कोई योग्यता नहीं है क्योंकि वे कारण किसी भी तरह से उन्हें हमारे निर्देशों का पालन करने से नहीं रोकते हैं।"
इस मामले की सुनवाई 8 जनवरी को हुई थी। जिसमें दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, गुजरात राज्य द्वारा शक्ति का प्रयोग शक्ति को हड़पने और शक्ति के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। इस अदालत का कर्तव्य है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के विश्वास की नींव को बरकरार रखे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों के रेमिशन को रद्द करते हुए उन्हें दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था।
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