हाइलाइट्स :
बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत।
रेप केस के अपराधियों को दिया गया था रेमिशन।
अदालत ने कहा, दोषियों ने कोर्ट के सामने नहीं रखे सही तथ्य।
नई दिल्ली। बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस मामले में उच्चतम न्यायलय का मानना है कि, गुजरात नहीं महाराष्ट्र सरकार दोषियों की रिहाई का फैसला ले सकती है। गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो रेप केस के अपराधियों को रेमिशन दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई थी। जस्टिस बीवी नागराथन की अध्यक्षता में पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी।
सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रश्न रखा गया था कि, क्या गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो रेप केस के अपराधियों को रेमिशन सही तरीके से दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है।
अदालत ने आदेश में कहा कि, 13 मई, 2022 का फैसला (जिसने गुजरात सरकार को दोषी को माफ करने पर विचार करने का निर्देश दिया था) अदालत के साथ "धोखाधड़ी करके" और भौतिक तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दोषियों ने अदालत के सामने सही तथ्य नहीं रखे।
दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करे दोषी :
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, गुजरात राज्य द्वारा शक्ति का प्रयोग शक्ति को हड़पने और शक्ति के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। इस अदालत का कर्तव्य है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के विश्वास की नींव को बरकरार रखे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।
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