दिल्ली, भारत। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन को 2 महीने से भी ज्यादा समय होने को हैै, लेकिन इस दौरान सरकार और किसान दोनों ही अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। न तो सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द कर रही और न ही किसान अपने प्रदर्शन को राेक रहे हैं और अब इस वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस पर एक तरफ राजपथ पर जवान, तो वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर पर किसान नजर आएंगे।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड :
इस बीच अब कल 26 जनवरी काे गणतंत्र दिवस के मौके पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया है। और दिल्ली पुलिस ने भी कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। तो वहीं, दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिक्रिया सामने आई है।
ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान यूनियन के प्रवक्ता का कहना-
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, ''किसान ने तिरंगे को अपने खेत से जोड़ दिया है। सैनिक परेड निकालते हैं और किसान भी परेड निकालेगा। हम ही किसान है और हम ही जवान है। ट्रैक्टर परेड में हमारा हर आदमी पूरी तरह से सैनिक का काम करेगा। हमारी दिल्ली पुलिस से कोई हार जीत नहीं है।''
सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध :
हालांकि, आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा- सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है,PM जी के नेतृत्व में विगत 6 वर्षों में किसान की आमदनी बढ़ाने,खेती को नई तकनीक से जुड़ने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं और प्रयास किए गए हैं। MSP को डेढ़ गुना करने का काम भी PM के नेतृत्व में हुआ।
किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद जब समाधान नहीं निकला तब मैंने किसान से कहा कि डेढ़ साल के लिए कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर देते हैं, SC ने स्थगित किया है तो हम उनसे अनुरोध करेंगे कि थोड़ा और समय दें ताकि उस समय में हम लोग बातचीत के जरिए हल निकाल सकें।कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे ये भी कहा- किसान को उसके उत्पादन का सही दाम मिल सके, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो सके इसलिए जहां कानून बनाने की आवश्यकता थी वहां कानून बनाए गए और जहां कानून में बदलाव की आवश्यकता थी वहां कानून में बदलाव भी किए गए। इसके पीछे सरकार और प्रधानमंत्री की साफ नीयत है।
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