हाइलाइट्स :
SEBI ही करेगा Adani - Hindenburg मामले की जांच।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर दायर हुई थी याचिका।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की मामले की सुनवाई।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को Adani - Hindenburg केस में अपना फैसला सुनाया है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोप थे। इन आरोपों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में SEBI को 3 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। याचिका में जाँच को SIT को ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि, जाँच को एसआईटी को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, जांच को सेबी से एसआईटी को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है। अदलात ने सेबी को अदाणी -हिंडनबर्ग विवाद के 2 लंबित मामलों की जांच 3 महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार और सेबी को रेगुलेट्री फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार करने के लिए भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के रेगुटलट्री फ्रेमवर्क में हस्क्षेप से करने से इंकार करते हुए सेबी को ही जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एडवोकेट और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि, किसी तीसरे पक्ष द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट को निर्णायक सबूत के रूप में नहीं लिया जा सकता है।"
सत्य की जीत हुई - गौतम अदाणी
अदाणी - हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गौतम अडानी ने एक्स पर लिखा, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि, सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।
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