हाइलाइट्स
98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स से कर रहे अधिकारी प्रशिक्षुओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने कहा, सिविल सेवकों ने बहुमुखी विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
आम लोगों की शिकायतों और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देना सिविल सेवकों का कर्तव्य।
98th Special Foundation Course Trainees Meet President : दिल्ली। गुरुग्राम के हिपा में 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स से कर रहे अधिकारी प्रशिक्षुओं के एक ग्रुप ने आज शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, देश के समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। भारत के नागरिक देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने उनसे विभिन्न कार्यक्रमों के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनभागीदारी को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, हमारे सिविल सेवकों ने देश के बहुमुखी विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। आज देश जिस परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, वह हमारे सिविल सेवकों के दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता था।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, समय और परिस्थिति के अनुसार सुशासन के मायने बदल जाते हैं। नवीनतम तकनीकों के आगमन के साथ, नागरिकों को तेज और कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस, स्मार्ट गवर्नेंस, प्रभावी गवर्नेंस और अन्य शब्द उभरे हैं।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि, सोशल मीडिया के दिनों में जब लोग अपनी शिकायतें तुरंत पोस्ट कर सकते हैं, लोगों तक सेवा वितरण के लिए अद्यतन शासन उपकरणों और उन्नत तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है। आम लोगों की शिकायतों और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। युवा अधिकारियों को ऐसे नवोन्वेषी कदम उठाने चाहिए जो लघु और दीर्घावधि में नागरिकों और देश के लिए फायदेमंद हों।
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