हाइलाइट्स :
सोमवार को 78 सांसद किए गए थे निलंबित।
निलंबित सांसदों ने सदन के बाहर किया प्रदर्शन।
लोकसभा में आज भी हुआ जमकर हंगामा।
दिल्ली। लोकसभा में कार्यवाही बाधित करने पर विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किये गए सांसदों में सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित कई नेता शामिल हैं। ये सभी संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किए गए हैं। इसके पहले सोमवार तक 92 सांसदों को निलंबित किया गया। इस तरह अब तक कुल 114 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं।
लोकसभा में मंगलवार को 49 सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा रखा गया। उन्होंने सांसद मनीष तिवारी, चंद्रशेखर प्रसाद, डिंपल यादव, कार्ति चिदंबरम, एसटी हसन, सुप्रिया सुले, शथि थरूर, दानिश अली, माला रॉय, राजीव रंजन सिंह, संतोष कुमार, प्रतिभा सिंह, मोहम्मद सादिक, जगबीर सिंह गिल, महाबली सिंह, एमके विष्णु प्रसाद, फारुख अबदुल्ला, गुरजीत सिंह औजला, फजलुर रहमान, रवनीत सिंह बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, सुशील कुमार रिंकू को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा।
इसके पहले सोमवार को कुल 78 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया था। इनमें 33 लोकसभा और 45 राज्यसभा सांसद शामिल थे। ये सभी सांसद सदन में सुरक्षा चूक मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे। साथ ही 14 दिसंबर गुरुवार को कुल 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया था। इनमें से 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद था।
निलंबन पर दानिश अली ने कहा, यह अजीब है कि अध्यक्ष कहते हैं कि हमें निलंबित किया जा रहा है क्योंकि हमने संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया है। सरकार से सवाल पूछना कैसे उल्लंघन की श्रेणी में आता है। जब सदन में गालियां दी गईं तो इसका उल्लंघन नहीं हुआ, उस सांसद को न तो निलंबित किया गया और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। जिस भाजपा के पास पर हमलावर सदन में घुसे, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीएम और गृह मंत्री कोई बयान नहीं देते।
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