राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार के द्वारा देश में मौत की सजा (Death Sentence) देने के लिए फांसी की जगह दूसरे विकल्पों को तलाशने पर विचार किया जा रहा है। सरकार इसके लिए एक ऐसी कमेटी गठित करने के बारे में सोच रही है जो मौत की सजा के लिए कम दर्दनाक तरीकों की खोज करेगी। इस मामले में सीजेआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) का कहना है कि इस मामले में जुलाई माह के दौरान सुनवाई की जाएगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष फांसी की सजा नहीं देने की मांग की गई थी, जिस पर वह सुनवाई कर रहा था। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से यह कहा गया कि वे इसके लिए एक कमिटी गठिन करने पर विचार कर रहे हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है?
क्या होता है फांसी की सजा में?
दरअसल जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई जाती है उनके फैसले पर To be Hanged till Death लिखा होता है। इसका मतलब है कि जब तक उक्त व्यक्ति की मौत ना हो जाए तब तक उसे फांसी से ना उतारा जाए। इस दौरान व्यक्ति को करीब 30 मिनट तक लटकाया जाता है। जिसके बाद डॉक्टर उसके मरने की पुष्टि करते हैं और फिर उसे फांसी से उतारा जाता है।
अमानवीय फांसी :
बता दें कि फांसी की सजा को अमानवीय माना जाता है। इसका कारण है कि फांसी की प्रक्रिया बहुत लंबी और दर्दनाक होती है। इसे देखते हुए कई देशों में भी फांसी की सजा को खत्म कर दिया गया है। जबकि दर्ज की गई याचिका में भी यह कहा गया है कि दोषी को फांसी की बजाय दूसरी दर्दरहित और मानवीय सजा दी जानी चाहिए।
क्या हैं विकल्प?
याचिका में कहा गया है कि फांसी के लिए मौत के इंजेक्शन (Injection) का इस्तेमाल करने से लेकर गोली मार देना या इलेक्ट्रिक चेयर (Electric Chair) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इन तरिकों से अपराधी की बिना तड़पे और जल्दी मृत्यु हो जाएगी।
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