धर्मशाला। तिब्बत के 14वें आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि वह अपने लिए भारत को सबसे अच्छा स्थान मानते है और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु की उनके लिए कांगड़ा सबसे अच्छी पंसद है। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन वापस लौटने का कोई कारण नहीं है। श्री दलाई लामा बोधगया जाने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले कागड़ा हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए तवांग मुद्दे पर टिप्पणी के लिए पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा,''अब चीजें आम तौर पर बोल रही हैं, सुधर रही हैं, मुझे लगता है कि यूरोप और अफ्रीका में और एशिया में भी। अब चीन भी अधिक लचीला है, लेकिन चीन की ओर लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को और कांगड़ा मेरे लिए पंडित नेहरू की पसंद को सबसे ज्यादा पसंद करता हूं।"
श्री दलाई लामा ने कहा कि यह जगह मेरा स्थायी निवास है। उन्होंने धर्मशाला में रहने को बहुत सही बताया। श्री दलाई लामा आज थेगछेन चोलिंग स्थित अपने आवास से कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए और रास्ते में तिब्बती भक्तों ने उनका स्वागत किया। श्री दलाई लामा दिल्ली और बिहार की यात्रा के लिए धर्मशाला से रवाना हुए। उनका दो-तीन दिनों के लिए दिल्ली में रहने का कार्यक्रम है और फिर वह आध्यात्मिक शिक्षाओं और अन्य कार्यक्रमों के लिए बिहार में बोधगया जाएंगे। दिल्ली में कुछ बैठकों और कार्यक्रमों के अलावा उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी होगा।
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