Dalai Lama Birthday Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

खुद को भारत का बेटा मानते हैं दलाई लामा, 6 साल की उम्र में बने थे तिब्बत के 14वें धर्मगुरु

दलाई लामा के योगदान और कार्यों को देखते हुए सरकार के द्वारा उन्हें साल 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज यानि 6 जुलाई को अपना 88 वां जन्मदिन मना रहे हैं। चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। यही वजह है कि उनका जन्मदिन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती समुदाय के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में हर साल अनुयायी धर्मशाला पहुंचते हैं। दलाई लामा ने महज 24 साल की उम्र में तिब्बत की संप्रभुता के लिए अहिंसात्मक संघर्ष शुरू किया था, उसके साथ ही वे आज भी आगे बढ़ रहे हैं। उनके योगदान और कार्यों को देखते हुए सरकार के द्वारा उन्हें साल 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके जन्मदिन के खास मौके चलिए जानते हैं दलाई लामा की खास बातें।

तिब्बत से भारत का सफर

दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई 1935 को पूर्वोत्तर तिब्बत के तकत्सेर में हुआ था। लेकिन चीन की फ़ौज के द्वारा तिब्बतियों के राष्ट्रीय विरोध को दबाने के चलते वे मार्च 1959 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा से पैदल ही भारत की ओर निकल पड़े। इस सफ़र के दौरान उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था। जिसके चलते वे केवल रात के समय में ही सफर करते थे। हिमालय के पहाड़ों से गुजरते हुए अप्रैल 1959 में दलाई लामा भारत पहुंचे। यहां आने के बाद उन्होंने धर्मशाला को ही अपना घर बनाया और यहीं रहने लगे।

तेनजिन ग्यात्सो बने धर्मगुरु

ऐसी मान्यता है कि साल 1937 के दौरान तिब्बतियों के धर्मगुरु ने जब पहली बार दलाई लामा को देखा था तो उनके अंदर उन्हें 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो का अवतार नजर आया था। जिसके बाद धर्मगुरुओं ने महज 6 साल की उम्र में ही दलाई लामा को बौद्ध धर्म, तर्क विज्ञान, संस्कृति, ज्योतिष, प्राकृतिक चिकित्सा आदि की शिक्षा दिलाई गई और उन्हें तिब्बत का 14वां दलाई लामा बनाया गया।

खुद को मानते हैं भारत का बेटा

दलाई लामा खुद को भारत का बेटा मानते हैं। उनका कहना है कि उनके दिमाग के हर कण में नालंदा के विचार शामिल हैं। उनके शरीर का निर्माण करने में भारतीय दाल और चपाती का महत्वपूर्ण किरदार है। गौरतलब है कि दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धार्मिक नेता हैं। वे लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा देते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT