पश्चिम बंगाल: वर्तमान में कोरोना वायरस एक काल बनकर सभी देशों में छाया हुआ है। इस आपदा के बीच प्रकृति भी अपना क्रोध बरपा रही है। भारत में महामारी कोरोना का संकट टला नहीं है, इसी बीच एक के बाद एक चक्रवाती तूफानों के संकट सामने आ रहे हैं। अब ये खबर सामने आ रही है कि, दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' तबाही मचा सकता है।
अब चौथे चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' का संकट :
बीते दिनों ही पश्चिम बंगाल की खाड़ी में तीन चक्रवाती तूफान अम्फान, निसर्ग और निवार नाम के भयंकर तूफान तबाही मचा चुके हैं। अब चौथे चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' का संकट आया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, "दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर गहरे दबाव के क्षेत्र ने मजबूत होकर मंगलवार देर रात को चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' का रूप लिया और 2 दिसंबर को इसके श्रीलंकाई तट को पार करने की संभावना है। श्रीलंका के त्रिंकोमाली पहुंचने के बाद बुरेवी के मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु में कन्याकुमारी के आसपास कोमोरिन इलाके की ओर आने की आशंका है।"
भारी बारिश होने की संभावना :
आगे मौसम विभाग द्वारा ये जानकारी भी दी गई है कि, चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' इसके बाद पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर की सुबह कन्याकुमारी और पम्बन के बीच दक्षिण तमिलनाडु तट को पार करेगा। केरल, पुडुचेरी और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी चक्रवात पनप रहा है, इसके चलते इन क्षेत्रों तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और अलाप्पुझा में भारी बारिश होने की संभावना है।
मछुआरों को दी सलाह :
तो वहीं, चक्रवाती तूफान 'बुरेवी' के खतरे से बचने के लिए अलर्ट को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी गई है कि, ''वे 30 नवंबर से एक दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में और एक से तीन दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से एवं पूर्वी श्रीलंका तट से दूर ही रहें।''
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