कर्नाटक, भारत। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे राउंड के दूूूूूसरे दिन भी देशभर में वैक्सीनेशन की मुहिम रफ्तार पकड़ी हुई है। विश्वास का संदेश देते हुए तमाम वरिष्ठ मंत्री कोरोना वायरस का टीका लगवा रहे हैं, लेकिन इस बीच कर्नाटक के एक मंत्री कोरोना का टीका लगवाकर विवादों से घिर गए हैं।
क्या है विवाद का कारण :
दरअसल, कोरोना वैक्सीनेशन के 2.0 में पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं आज दूसरे दिन भी तमाम वरिष्ठ से वरिष्ठ मंत्री अस्पताल पहुंचकर टीकाकरण करवा रहे हैं, लेकिन आज उनकी ही पार्टी के एक मंत्री यानी कर्नाटक सरकार में मंत्री बीसी पाटिल (BC Patil) ने स्वास्थ्यकर्मियों को घर पर बुलाकर टीका लगावाया, जो अपनी ही सरकार की नीति के उलट जाने जैसा है एवं इस मामले पर विवाद मच रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव बोले-प्रोटोकॉल में इसकी अनुमति नहीं :
तो वहीं, कर्नाटक के एक विधायक द्वारा डॉक्टर को घर पर बुलाकर कोविड वैक्सीन लेने के मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि, ''प्रोटोकॉल में इसकी अनुमति नहीं है। हमें इस बारे में जानकारी मिली है। हमने मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।''
किसने क्या-क्या कहा :
जानकारी के अनुसार, कर्नाटक के मंत्री बीसी पाटिल को कोरोना का टीका लगाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी उनके बेंगलुरु से 336 किलोमीटर दूर हीरेकुरुर स्थित घर पहुंचे और मंत्री बीसी पाटिल काे घर पर ही कोरोना का टीका लगाया, उनकी ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है, कई तरह के सवाल उठने लगे हैं कि, आखिर मंत्री अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
इस सरकार में जिसे जो मन में आए, वह कर सकता है।कर्नाटक के पूर्व CM और जेडीएस के लीडर एचडी कुमारस्वामी
इसके अलावा कांग्रेस ने भी इस मामले पर हमला बोलते हुए कहा- बीसी पाटिल जनता की सेवा करने की बजाय लोगों को अपनी सेवा में लगा रहे हैं।
बीसी पाटिल ने दी सफाई :
हालांकि, विवाद का कारण बने मंत्री बीसी पाटिल ने इस मामले पर सफाई भी दी और कहा- मेरे घर पर बहुत से लोग थे और यदि मैं अस्पताल जाता तो फिर आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ता। ऐसे में मैंने घर पर ही टीका लगवाना सही समझा। घर पर टीका लगवाने को गलत ढंग से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने सिर्फ वैक्सीन लगवाने के लिए ही स्वास्थ्यकर्मियों को घर बुलाया था।
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