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जीवन का कोई शॉर्टकट नहीं होता, शॉर्टकट अपनाने वाला मुसीबत में फंस जाता है: CM पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में गुरू राम राय युनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षान्त समारोह को संबोधित किया।

Priyanka Sahu

उत्तराखंड, भारत। उत्तराखंड के देहरादून में आज मंगलवार को गुरू राम राय युनिवर्सिटी का प्रथम दीक्षान्त समारोह आयोजित हुआ, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया और इस दीक्षांत समारोह को संबोधित भी किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में गुरू राम राय युनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में कहा- यह एक ऐसी यात्रा है जो निरंतर हमें ऊंचाइयों पर ले जाती है। इस यात्रा में हम ऐसी स्मृति बनाते हैं जो आने वाले वर्षों में याद की जाती है। श्री गुरू राम राय मिशन नर्सरी से लेकर कॉलेज तक छात्रों को शिक्षित करने का काम कर रहा है।साथ ही उत्तराखण्ड व पड़ोसी राज्य भी स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरतों को इससे जुड़े संस्थानों से पूरा करते हैं।

जब पढ़ाई पूरी करने के बाद आप अलग-अलग संस्थानों से जुड़ते हैं तो ये याद रखें कि उस संस्था की प्रगति ही आपकी प्रगति है। इस सोच के साथ यदि आप आगे बढ़ते हैं तो उस संगठन की ही नहीं बल्कि आपकी भी उन्नति होगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

आगे उन्होंने यह भी कहा कि, "आज हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया है। आत्मनिर्भर भारत पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप है। जीवन का कोई शॉर्टकट नहीं होता। शॉर्टकट अपनाने वाला मुसीबत में फंस जाता है। आज आप एक स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहे हैं। यह समारोह आपके जीवन का अमृत काल है।"

तो वहीं, इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित "प्रवेशोत्सव" कार्यक्रम में कहा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने हेतु डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध कराई जा रही है। मैं सभी विद्यार्थियों से कहना चाहता हूं कि जो आज नींव रखी गयी है वह उनके भविष्य का निर्माण करेगी। आज समय की मांग है कि शिक्षा में इनोवेशन होना चाहिए। आज नई-नई खोज की जरूरत है। हमे यह समझना होगा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं होता है। संपूर्ण जगत को ज्ञान-विज्ञान देने का काम भारतभूमि ने किया है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि शिक्षा से अधिक महत्व चरित्र का होता है और शिक्षा चरित्र निर्माण में सहायक होती है।

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