पंजाब, भारत। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की इजाजत के बाद आज 27 सितंबर को प्रदेश में विधानसभा का एक दिवसीय सत्र आयोजित हुआ। इस मौके पर राज्य के विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा बुलाए गए विश्वास मत का विरोध किया।
विश्वास प्रस्ताव लाना राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देना है :
दरअसल, पंजाब विधानसभा में कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों ने ट्रेजरी बेंच द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने का कड़ा विरोध किया है। इस दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने विश्वास मत का विरोध करते हुए यह बात कही कि, ''विश्वास प्रस्ताव लाना राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देना है। मैं सदन के पटल पर इसकी निंदा करता हूं।''
कांग्रेस और भाजपा पर भगवंत मान ने साधा निशाना :
राजस्थान कांग्रेस में संकट के सियासी घटनाक्रम पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कटाक्ष किया। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, "अब वे हमें गृह कानूनों के बारे में सिखाएंगे? पहले, उन्हें अपना घर व्यवस्थित करने के लिए कहें।'' तो वहीं, "ऑपरेशन लोटस" को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा को आड़े हाथ लिया और निशाना साधते हुए कहा कि, ''पार्टी को लगता है कि हर जगह केवल उन्हें ही सत्ता में होना चाहिए।''
भाजपा और कांग्रेस के गठजोड़ की पोल खुल गई है। वे एक दिन का सत्र बुलाने के भी खिलाफ हैं। हैरानी की बात है कि कांग्रेस भी विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही है। कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या दाल ही काली है। बाजवा साहब ने भी बयान दिया है कि ये सत्र चलना नहीं चाहिए।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान
बताते चलें कि, राजभवन और आप सरकार के बीच कई दिनों से खींचतान देखने को मिल रही है, इस बीच बीते रविवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर 27 सितंबर की तारीख फाइनल कर सदन बुलाने की मंजूरी दी थी।
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