हाइलाइट्स:
चीन ने बदले अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नाम।
7 साल में चौथी बार बदले नाम।
11 रिहायशी इलाके शामिल।
China Renamed 30 Places in Arunachal Pradesh: चीन ने फिर एक बार भारत के अरुणाचल प्रदेश पर अपना अधिकार बताते हुए, 30 जगहों के नाम बलद डाले। यह जानकारी चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री की तरफ से सामने आई है। पिछले 7 सालों में चीन चौथी बार भारत और चीन की बॉर्डर वाले अरुणाचल प्रदेश के इलाकों के नाम बदल रहा है।
चीन ने बदली हुई जगहों के नाम चीनी, तिब्बती और रोमन भाषा में जारी किये हैं। चीनी मीडिया के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में जिन जगहों के नाम बदले गए हैं, उनमें 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता और एक तालाब शामिल है।
पहले भी बदल चुके है नाम
अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों पर चीन अपने अधिकार का दावा करते आया है। इसके चलते पिछले 7 सालों में चार बार वह अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदलने की सूची जारी कर चुका है। सबसे पहले 2017 में सूची जारी की गई थी। इसमें 6 जगहों के नाम बदले गए। 2021 में जारी दूसरी सूची में 15 स्थानों के और 2023 में जारी तीसरी सूची में 11 स्थानों के नाम बदले गए थे।
चीन के दावों को ठुकराता आया भारत
चीन के द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों पर अपना दावा बताए जाने के बयानों को भारत लगातार ठुकराता आया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 23 मार्च को ही अपने एक बयान में चीन के लगातार अरुणाचल प्रदेश पर करते दावों को खारिज किया था। 2023 में भी जब चीन ने 11 स्थानों के नाम बदले थे, तब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि- “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। चीन के नाम बदलने के प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेंगे।”
अरुणाचल प्रदेश पर क्यों है चीन की नजर?
चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं माना। वह इसे दक्षिणी तिब्बत बताता है, जिस पर भारत ने अपना कब्जा कर लिया है। इसी कारण चीन लगातार प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदलने की सूची जारी करता रहा है। भुगौलिक दृष्टि से होने वाले फायदे के लिए चीन अरुणाचल पर अपनी नजर बनाए बैठा है। अरुणाचल प्रदेश भारत के उत्तर-पूर्व का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ, भूटान और म्यांमार से भी अपनी सीमा साझा करता है। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से ये बहुत जरूरी भूमि है। इसलिए चीन हमेशा से इसपर अपना अधिकार बताता आया है।
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