Chaudhary Charan Singh Death Anniversary : देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की आज यानि 29 मई को पुण्यतिथि है। वे एक ऐसे नेता रहे जिनकी छवि साफ चरित्र वाली रही। किसानों के हित में चौधरी चरण सिंह ने ऐसे कई कदम उठाए जिसके चलते उन्हें किसान नेता का दर्जा मिला। किसानों के प्रति उनके स्नेह और कार्यों को देखते हुए ही उनके जन्मदिवस को किसान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। हालांकि प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल बहुत कम रहा लेकिन राजनीति में उनका अपना महत्व रहा है। आज उनकी पुण्यतिथि पर चलिए जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।
चौधरी चरण सिंह ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक वकील के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। वे शुरुआत से ही स्वामी दयानंद सरस्वती से बेहद प्रभावित थे जिसके बाद उन्होंने आर्य समाज की ओर अपने कदम बढ़ाए। चौधरी चरण सिंह अपने जीवन में महात्मा गांधी और सरदार पटेल से बेहद प्रभावित रहे। जबकि जवाहर लाल नेहरु की सोवियत झुकाव वाली आर्थिक और सामूहिक भूमि नीतियों के विरोध में उन्होंने अपने स्वर ऊँचे किए।
नेहरु के साथ मतभेद होने के बाद जब चौधरी चरण सिंह की स्थिति कांग्रेस में कमजोर होने लगी। तब उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर 1 अप्रैल 1967 को भारतीय क्रांति दल का गठन किया। इस दौरान किसान समुदाय ने खुले तौर पर उनका साथ दिया और चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। साल 1967 से लेकर 1968 के बाद वे 18 फरवरी 1970 से लेकर 1 अक्टूबर 1970 तक दो बार मुख्यमंत्री बने।
चौधरी चरण सिंह मोरारजी देसाई के कार्यकाल के दौरान उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पद पर रहे। जिसके बाद 28 जुलाई 1979 को कांग्रेस एवं दूसरी पार्टी के समर्थन से उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला। लेकिन वे इस पद पर अधिक समय तक नहीं रहे। इंदिरा गांधी के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने जल्द ही प्रधानमंत्री पद को त्याग दिया।
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