G-20 के डेलीगेट्स को उपहार में दी जाएगी बस्तर आर्ट की चिन्हारी RE- Raipur
छत्तीसगढ़

18 और 19 सितंबर को G-20 के 4th फ्रेमवर्क की वर्किंग ग्रुप मीटिंग, उपहार में दी जाएगी बस्तर आर्ट की चिन्हारी...

Bastar Art Sign Will be Gifted to G-20 Delegates: इस प्रतिमा से डेलीगेट्स को बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक मिलेगी।

Deeksha Nandini

G-20 4th Framework Working Group Meeting: रायपुर, छत्तीसगढ़। जी 20 के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप मीटिंग में 18 सितंबर और 19 सितंबर को भाग लेने दुनिया भर से आये प्रतिनिधि अपने साथ छत्तीसगढ़ की सुंदर स्मृतियों के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति की चिन्हारी भी साथ लेकर जाएंगे। छत्तीसगढ़ की चिन्हारी इस गिफ्ट पैक में वनोपजों से बनाये गये खास प्रोडक्ट होंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस वर्ष को मिलेट ईयर घोषित किया गया है। विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों को गिफ्ट पैक में प्रदेश में होने वाले मिलेट्स से बने कुकीज दिये जाएंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में मिलेट को प्रोत्साहित करने मिशन मोड पर काम किया गया है। यहां मिलेट्स उत्पादकों को समर्थन मूल्य पर अपने उपज का दाम मिल रहा है इसके साथ ही सरकार द्वारा इनके प्रसंस्करण को प्रोत्साहित किये जाने तथा मिलेट्स कैफे स्थापित किये जाने से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ी है।

छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाने वाला शहद देश के सबसे शुद्ध और स्वादिष्ट शहद में से माना जाता है। यह न केवल शुद्ध होता है अपितु बस्तर और सरगुजा जैसे वनवासी अंचलों के विशिष्ट प्राकृतिक माहौल में मधुमक्खियों के द्वारा एकत्रित किया जाता है जिससे इसमें औषधिय गुण भी रहते हैं। छत्तीसगढ़ में उत्पादित किये जाने वाले एलोवीरा जेल, अश्वगंधा चूर्ण की लोकप्रियता भी देश भर में है। डेलीगेट्स को गिफ्ट में यह भी प्रदान किये जाएंगे। इसके साथ ही चिन्हारी के रूप उन्हें बस्तर आर्ट का उपहार भी दिया जाएगा।

यहां ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा फ्रेम में आबद्ध कर उन्हें प्रदान की जाएगी। इस कला का थीम चार आदिवासी युवतियों को लेकर है। वे नृत्यरत हैं और एक दूसरे का हाथ थामे हुए है। इस प्रतिमा से बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक डेलीगेट्स को मिल सकेगी। साथ ही हजारों वर्ष पुराने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की प्रतिभा से भी वे वाकिफ हो सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि, मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में बीते पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजने का कार्य छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया जा रहा है। इसमें लोककलाकारों को प्रोत्साहित किये जाने के साथ ही स्थानीय खानपान की परंपराओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोदो-कुटकी हमेशा से छत्तीसगढ़ के लोगों की थाली में शामिल रहा है। इसकी आधुनिक तरीके से ब्रांडिंग की गई है। नये कलेवर में, आधुनिक तरीके से प्रसंस्करण के बाद ये उत्पाद बाजार में भी उतारे गये हैं और हर तरफ इनकी प्रशंसा हो रही है। जी 20 के माध्यम से इस अनुपम छत्तीसगढ़ी संस्कृति का और भी व्यापक प्रचार-प्रसार हो सकेगा।

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