Wild Animal Hunting : छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों के शिकार के मामले बढ़ते जा रहे है कभी हिरन, कभी चीतल तो कभी बाघ। इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है जिसमें बाघ की खाल के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन शिकारियों के पास तेंदुए के साथ कई वन्य प्राणियों की खाल, गांजा और अन्य जानवरों के सींग, सूखा मांस, पंजे की हड्डी जैसे प्रतिबंधित सामान मिला है, जिसे जबत कर लिया गया है। यह मामला गरियाबंद के उदंती सीता नदी अभ्यारण्य (Udanti Sita River Sanctuary) अंतर्गत क्षेत्र का है।
यह है पूरा मामला :
दरअसल, गरियाबंद जिले के उदंती सीता नदी अभ्यारण्य अंतर्गत तेंदुए की खाल के साथ 4 शिकारी पकड़े हैं। आरोपियों के पास से हिरण के सींग (Deer Horns), सूखा मांस (Dried Meat), पंजे की हड्डी (Claw Bone), मयूर के पैर (Peacock Feet) समेत कई प्रतिबंधित सामान को जब्त किया है। इसके साथ ही शिकारियों से 1 किलो गांजा (Ganja) भी बरामद किया गया है। उदंती सीता नदी अभ्यारण्य (Udanti Sita River Sanctuary) के एंटी पोचिंग टीम (Anti-Poaching Team) लगातार शिकारियों पर कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में अभ्यारण्य की सीमा से लगे ओडिशा के एक गांव में आधी रात को टीम ने छापेमारी की। बता दें कि अब तक टीम ने 22 शिकारी पकड़े जा चुके हैं।
इससे पहले चीतल के शिकार का मामला आया था सामने :
इससे पहले बीते दिन बुधवार को छत्तीसगढ़ के धमतरी में कुछ ग्रामीणों को चीतल का शिकार करते पाया गया था। वन विभाग की टीम ने 10 आरोपियों को अवैध रूप से चीतल का शिकार करते पाया। इन लोगों के पास से तीर-धनुष बरामद किये गए हैं। जानकारी के मुताबिक़ चीतल के शिकार का यह मामला वन परिक्षेत्र केरेंगांव के अंतर्गत ग्राम कांटाकुरीर्डीह क्षेत्र का था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि, ये सभी आरोपी एक ही ग्राम बरबान्धा ( बगबुडा पारा) के थे। इन आरोपियों के ऊपर वन्य प्राणी सरक्षण अधिनियम 1972 (Wild Animal Protection Act 1972) की धारा 9 व 50 एवं 51, 52 के तहत कार्रवाई की गई है।
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