रायपुर ,छत्तीसगढ़ ( शेख इस्माइल )। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार (Special Backward Tribes) से ताल्लुक रखने वाले विजय कुमार के जिन हाथों में कुल्हाड़ी और कुदाल चलाकर छाले पड़ जाते थे आज उन हाथों में कलम है । विजय एक साल पहले तक मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे । मजदूरी भी महज 5 से 6 हजार रुपये महीने मिल पाती थी, लेकिन राज्य शासन की एक योजना से विजय का जीवन पिछले एक साल में पूरी तरह बदल गया है । विजय अब मजदूर नहीं बल्कि ट्राइबल विभाग (Tribal Department) में सहायक ग्रेड-3 के पद पर नौकरी कर रहे हैं।
विजय ने बताया कि उन्होंने एमए तक शिक्षा प्राप्त की है पर जब नौकरी नहीं मिली तो गांव में मजदूरी करके ही परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन आज मेरे पास सरकारी नौकरी है और 17 हजार रुपये सेलरी मिलती है। दरअसल राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए शासन द्वारा इन समुदायों के पढ़े-लिखे नौजवानों को शासकीय सेवाओं में उनकी पात्रता के अनुसार सीधी नियुक्ति दी जा रही है। इस योजना से इन समुदायों के लोगों का जीवन पूरी तरह बदल गया है ।
विशेष पिछड़ी जनजाति के करीब 800 युवाओं को शासकीय नौकरी
राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति के करीब 800 और धमतरी जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में कमार और भुंजिया जनजाति के अभ्यर्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार 39 पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं, जिनमें 2 युवाओं को स्कूल शिक्षा विभाग तथा 1 युवा को आदिवासी विकास विभाग में सहायक ग्रेड-3, एक युवा को चिकित्सा विभाग में वार्ड बॉय, 28 युवाओं को स्कूल शिक्षा विभाग, 2 युवाओं को पशु चिकित्सा विभाग और 2 युवाओं को राजस्व विभाग द्वारा चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति प्रदान की गई है। इस प्रकार धमतरी जिले के कुल 39 युवाओं को शासकीय नौकरी प्रदान की गई है।
शासकीय नौकरी पाकर युवा खुश
विशेष पिछड़ी जनजाति कमार और भुंजिया समुदाय के युवा शासकीय नौकरी पाकर बहुत खुश है। उन्होंने शासकीय नौकरी देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने भी इन युवाओं के साथ आत्मीयतापूर्वक चर्चा की और उनके खुशहाल जीवन के लिए अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी।
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