Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel VS Durg MP Vijay Baghel Raj Express
छत्तीसगढ़

रिश्ते में चाचा-भतीजा लेकिन प्रतिद्वंदिता ऐसी कि चौथी बार फिर आमने- सामने होंगे छत्तीसगढ़ CM और दुर्ग सांसद

Chhattisgarh Election 2023: विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यह चाचा भतीजे की जोड़ी आमने- सामने होगी। पाटन विधानसभा सीट का चुनाव दिलचस्प होगा और सबकी निगाहें सीट पर टिकी रहेंगी।

Deeksha Nandini

हाई लाइट्स

  • 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिरआमने- सामने होंगे चाचा-भतीजे।

  • अबतक दोनों एक- दूसरे के सामने तीन बार चुनाव लड़ चुके है जिसमें दो बार चाचा भूपेश बघेल ने बाजी मारी।

  • 2008 में विजय बघेल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में भूपेश बघेल के सामने चुनाव लड़ा और विजय हासिल की।

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel VS Durg MP Vijay Baghel: छत्तीसगढ़ की पाटन विधानसभा सीट चाचा- भतीजे की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के लिए देश भर में मशहूर होती जा रही है। इस सीट से चाचा- भतीजा आमने- सामने चुनाव लड़ते रहे है, हालांकि इस लड़ाई में चाचा ने भतीजे से अधिक मर्तबा जीत हासिल की है। 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चाचा भतीजे आमने- सामने होंगे। पाटन विधानसभा सीट का चुनाव दिलचस्प होगा और सबकी निगाहें सीट पर टिकी रहेंगी।

दरअसल, प्रदेश की पाटन विधानसभा सीट से विधायक और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा दुर्ग से भाजपा सांसद विजय बघेल के बीच चाचा- भतीजा का रिश्ता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सांसद विजय बघेल के चाचा है। इन दोनों के बीच साल 2003 से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता चल रही है। अबतक दोनों एक- दूसरे के सामने तीन बार चुनाव लड़ चुके है जिसमें दो बार चाचा भूपेश बघेल और एक बार भतीजे विजय बघेल ने विधानसभा चुनाव जीता है।

2003 में पहली बार हुए आमने- सामने

2003 विधानसभा चुनाव में पहली बार विजय बघेल ने अपने चाचा भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे। यह चुनाव वह अपने चाचा भूपेश बघेल से हार गए। 2008 में विजय बघेल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में भूपेश बघेल के सामने चुनाव लड़ा और विजय हासिल की। भूपेश बघेल 7,842 वोटों से चुनाव हार गए। यह बड़ी बात थी। इस जीत के साथ ही प्रदेश की राजनीति में विजय बघेल ने अपनी जगह पक्की कर ली। इसके बाद 2013 में भाजपा ने उनपर फिर भरोसा दिखाया और भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में उतारा। इस बार भूपेश बघेल ने अपने भतीजे को हराकर साबित कर दिया कि, उनसे जीतना इतना बभी आसान नही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय बघेल को टिकिट न देते हुए मोती लाल साहू को भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में भूपेश बघेल ने बीजेपी उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनें। इधर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय बघेल को बड़ा मौका दिया और दुर्ग संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया। विजय बघेल ने भी पार्टी को निराश नही किया और जीत हासिल की।

भूपेश बघेल का राजनैतिक सफर

1990 में भूपेश बघेल दुर्ग (मध्यप्रदेश) से युवा कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त किये गए थे। 1993 में उन्होंने पहली बार मध्यप्रदेश पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। दिग्विजय सिंह की सरकार में भूपेश बघेल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। साल 2000 में छत्तीसगढ़ के अलग राज्य के रूप में गठन होने पर उन्हें मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया। 2003 में उन्होंने पाटन सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे लगातार पांच बार पाटन सीट से चुनाव लड़ चुके है इस सीट से सिर्फ एक बार उन्होंने हार का मुँह देखा है।

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