छत्तीसगढ़। बिलासपुर में 21 अप्रैल को सड़क हादसे में इलाज के दौरान घायल की मौत के बाद हॉस्पिटल (Hospital) के डॉक्टरों पर किडनी चोरी (Kidney Theft) करने का आरोप लगा है। इस मामले में अब जांच भी शुरू हो गई है। करीब 25 दिन बाद बुधवार को मजिस्ट्रेट (Magistrate) की मौजूदगी में पुलिस ने कब्र (Grave) खोदकर शव को बाहर निकलवाया, आज पोस्टमॉर्टम (Postmortem) कराया जा रहा है। मामला पचपेड़ी थाना (Pachpedi Police Station) क्षेत्र का है।
बिलासपुर कलेक्टर से की लिखित शिकायत :
परिजनों ने इस केस की शिकायत पहले पचपेड़ी थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी से की थी, लेकिन जब शिकायत दर्ज नहीं की गई तो बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार (Bilaspur Collector Saurabh Kumar) और एसपी (SP) से अस्पताल के डॉक्टर पर किडनी निकालने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद अब पूरे मामले की जांच की जा रही है।
हॉस्पिटल के संचालक ने आरोपों को बताया बेबुनियाद :
प्राइवेट हॉस्पिटल के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप पर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रजनीश पांडेय ने अपनी सफाई पेश की है। जिसमे उन्होंने कहा कि, सभी यह सभी आरोप बेबुनियाद है। शिकायतकर्ता के पिता का इलाज यहां हुआ है। उनकी मृत्यु के बाद ऐसा कोई काम नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता अपने पिता की मृत्यु के कुछ दिन बाद अस्पताल में पीएम रिपोर्ट मांगने आए थे। पीएम तो सरकारी अस्पताल में होता है तो हम रिपोर्ट कहां से देंगे। उन्हें इलाज संबंधी दस्तावेज देने की सलाह दी गई थी ।
बता दें, बिलासपुर में 15 अप्रैल की रात सड़क हादसा हुआ, जिसमें 2 लोग घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। और फिर 21 अप्रैल को एक शख्स धरमदास मानिकपुरी की इलाज के दौरान मौत हो गई जिसके बाद अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इस बीच मृतक के परिजनों को शक हुआ कि, डॉक्टर ने किडनी निकालकर शव दिया है। इसीलिए पोस्टमॉर्टम कराने से भी इनकार किया था।
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