रायपुर, छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश की अध्यक्षता में आयोजित छत्तीसगढ़ मंत्रि-परिषद की बैठक में नई नक्सल उन्मूलन नीति का अनुमोदन किया गया। इस नीति के तहत नक्सल पीडि़त या नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग देने वाले आत्मसमर्पित नक्सली को पुलिस में दिए नौकरी दिए जाने का प्रावधान किया गया है साथ ही इसके तहत अन्य राज्यों के पीडि़त व्यक्ति को भी मुआवजा के लिए पात्र माना जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य मंत्री परिषद की बैठक की शुक्रवार को आयोजित बैठक में शासन की विकास, विश्वास, सुरक्षा की कार्ययोजना पर आधारित नीति का अनुमोदन किया गया। अनुमोदित नई नक्सल उन्मूलन नीति में ऐसे नक्सल प्रभावित लोग या आत्मसमर्पित नक्सली जिसके द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग करने से स्वयं की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया हो, ऐसे प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक रेंज उसे पुलिस विभाग में निम्नतम पदों पर भर्ती कर सकेंगे। नीति में नक्सल व्यक्तियों / परिवारों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास हेतु प्रावधान बनाये गये है।पुनर्वास हेतु निर्णय के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का प्रावधान है। पुनव्र्यस्थापन में कठिनाई होने पर राज्य स्तर पर अपर मुख्य / प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। पुनर्वास हेतु विभिन्न विभागों द्वारा अनेक प्रकार के लाभ / सुविधाओं का प्रावधान किया गया है।
इस नीति में पुलिस बल के शहीदों के परिजनों को अतिरिक्त राहत राशि के रूप में 20 लाख रुपए की राशि कृषि भूमि क्रय किये जाने के उद्देश्य से दिये जाने तथा 03 वर्ष के भीतर कृषि भूमि क्रय करने पर 02 एकड़ भूमि तक स्टॉम्प ड्यूटी या पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इसमें घायल जवानों को आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग प्रदान किये जाने की भी व्यवस्था की गई है।
इसमें नक्सल पीड़ति व्यक्तियों हेतु प्रमुख प्रावधानों में हत्या, चोट, संपत्ति एवं जीविकोपार्जन क्षति पर पूर्व में देय मुआवजा राशि में दो गुना तक वृद्धि की गयी है। आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा।
नीति में परिवार के कमाने वाले व्यक्ति की हत्या प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति की तर्ज पर शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी। यदि शासकीय सेवा नहीं दी जाती तब कृषि भूमि क्रय करने हेतु 15 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी तथा 03 वर्ष में कृषि भूमि क्रय करने पर 02 एकड़ तक भूमि पर स्टॉम्प ड्यूटी या पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट दी जाएगी।
नीति के अनुसार प्रत्येक नक्सली को समर्पण पर प्रोत्साहन हेतु 25 हजार रूपये की राशि दी जाएगी। नक्सल पीड़ति के समान ही आत्मसमर्पित नक्सलियों को विभिन्न विभागों द्वारा अनेक प्रकार की सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। सक्रिय 05 लाख या अधिक के इनामी नक्सली को आत्मसर्पण पर 10 लाख की राशि पृथक से दी जाएगी। यह राशि बैंक में सावधि जमा की जाएगी तथा इसका ब्याज समर्पित नक्सली को दिया जाएगा। 03 वर्ष बाद चाल चलन की समीक्षा उपरांत यह राशि प्रदान की जाएगी। यह नक्सल उन्मूलन नीति लागू होने की तिथि से 05 वर्ष के लिये प्रभावी रहेगी।
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