हाइलाइट्स :
प्रवर्तन निदेशालय PMLA के तहत कर रहा मामले की जांच।
रवि उप्पल बताया जाता है सौरभ चंद्रकर का राइट हैंड।
दोनों आरोपियों को भारत लाने की तैयारी ।
छत्तीसगढ़। महादेव सट्टा ऐप मामले में भारतीय जांच एजेंसियों को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। दुबई में महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की गतिविधि पर रोक लगा दी गई है। इसके पहले रवि उप्पल पर भी दुबई पुलिस ने कार्यवाई की थी। महादेव सट्टा ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED), PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत जांच कर रहा है। सौरभ चंद्राकर को महादेव सट्टा ऐप का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
महादेव बेटिंग एप मामले में ईडी द्वारा लगातार जाँच जारी है। पिछले दिनों दुबई पुलिस ने ऐप के दो मुख्य आरोपियों में से एक- रवि उप्पल को अरेस्ट कर लिया था। जानकारी के अनुसार रवि उप्पल महादेव ऐप के सरगना सौरभ चंद्राकर का राइट हैंड माना जाता है। रवि उप्पल बताया जाता है सौरभ चंद्रकर का राइट हैंड। रवि उप्पल को भारत लाने की तैयारी की जा रही थी। अब सौरभ चंद्रकार की गतिविधियों में भी प्रतिबन्ध लगना भारतीय जांच एजेंसियों किए लिए बड़ी सफलता है।
क्या है ये मामला :
फरवरी महीने में संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में हुई एक भव्य शादी पर प्रवर्तन निदेशालय का ध्यान गया। शादी के खर्च के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि, यह पूरा पैसा पूरी तरह से नकद में दिया गया था। यह शादी रास अलखैमा में हुई थी। ऐप के मास्टरमाइंड बताए जा रहे सौरभ चंद्रकार ने परिवार के सदस्यों को महाराष्ट्र के नागपुर से संयुक्त अरब अमीरात तक ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिया था।
इस शादी में बॉलीवुड की कई हस्तियों ने परफॉर्म किया था। इनमें से कई हस्तियों से ईडी ने पूछताछ की है। दरअसल महादेव सट्टा ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी, नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के लेयर्ड वेब के माध्यम से धन शोधन करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराता है।
छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, महादेव ऐप के दो मुख्य प्रमोटरों में से एक है। ये दोनों दुबई से ऐप का संचालन करते थे। ईडी ने विदेश में भी इस मामले की जाँच की है। प्रवर्तन निदेशालय ने देश भर में 39 स्थानों जिनमें रायपुर, भोपाल और मुंबई शामिल है जाँच की गई। ईडी ने इस मामले में अब तक 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की थी।
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