कांकेर, छत्तीसगढ़। प्रदेश के कई इलाकों में अभी भी पीने के पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ता है पानी की एक एक बूंद की कीमत उन इलाकों के लोग भली भर्ती जानते है जहाँ पानी का अत्यधिक संकट है। बाबजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात का एहसास नहीं है कि, 21लाख लीटर पानी (21 lakh liters of water wasted) की कीमत क्या होनी चाहिए। मामला एक फ़ूड इस्पेक्टर (Food Inspector) द्वारा मोबाइल जलाशय में गिरने से पानी बहाने का है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ने दोषी फ़ूड इस्पेक्टर पर 21 लाख लीटर पानी बहाने पर मात्रा 53092 रुपए का जुर्माना लगाया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या शासन के जिम्मेदार अधिकारियों के नजर में 21 लाख लीटर पानी की कीमत 53 हजार मात्र है।
जारी किये गए आदेश में लिखा है कि, दिनांक 21.05.2023 को बरालकोट हिस्ट वियर के सिस्टम में भरे हुए पानी में आपके मोबाईल गिर जाने के पश्चात, विभाग के सक्षम अधिकारी को बिना अनुमति के, अपने मोबाइल को पानी से निकालने हेतु डीजल पम्प लगाकर सिस्टर्न में भरे जल को बाहर निकालकर अपव्यय किया गया है जो गैर कानूनी है तथा छ ग सिंचाई अधिनियम में निहित धाराओं में दण्ड की श्रेणी में आता है। आपके द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए विभाग की सिस्टर्न में भरे 4104 घन मीटर जल की मात्रा का अपव्यय किया गया है जिसका विभाग की जलदर के अनुसार चार्ज रु. 10.50. प्रति घन मीटर की दर से रू. 43092/- विभाग की बिना अनुमति के जल अपव्यय पर दण्ड राशि रू. 10000/- कुल 43092/-रु. 10000/- रु. 53092/- (रूपये तिरेपन हजार बानबे मात्र) निर्धारित की है उक्तानुसार कुल राशि रु 53092/- 10 दिवस मोटर अधोहस्ताकर्ता के कार्यालय में जमा करे।
निलंबन का दिया आदेश :
दरअसल, बीते दिनो खाद्य निरीक्षक पखांजूर राजेश विश्वास (Pakhanjoor Food Inspector Rajesh Biswas) द्वारा परलकोट जलाशय, पखांजूर में उनका मोबाईल पानी में गिर गया था। मोबाईल ढूंढने के लिए 21मई से लगातार 4 दिनों तक परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच लगभग 21 लाख लीटर पानी डीजल पंप के द्वारा बहा दिया गया था। जिसके बाद इस घटना पर एक्शन लेते हुए खाद्य अधिकारी को निलंबित कर दिया था।
Food Inspector के बाद SDO पर कार्रवाई के आदेश:
विगत दिवस सोमवार को मोबाइल निकालने के लिए जलाशय का पानी खाली करने के मामले में एसडीओ आरएल धीवर (SDO RL Dhiwar) पर अब प्रशासनिक कार्रवाई जारी कर दिए गए। प्रशासन की ओर से थमाए गए शो कॉज नोटिस के जवाब में एसडीओ ने पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। SDO ने जवाब में कहा है कि उन्होंने पानी निकालने की अनुमति नहीं दी थी। उन्हें जलाशय से पानी खाली करने जानकारी भी नहीं थी। जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण कलेक्टर ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा।
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