CG Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले केस में IAS और कारोबारियों के 121.87 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। जेल रोड स्थित होटल सहित IAS, ITS और कारोबारियों की 121. 87 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। IAS, कारोबारी अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति कुर्क की है। शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
ED द्वारा जारी प्रेस रिलीज में बताया है कि, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल के खिलाफ 121.87 करोड़ की संपत्तियों कुर्क की गई हैं। इसमें IAS से संबंधित 14 संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कीमत 8.83 करोड़ रुपये है। अनवर ढेबर के संबंध में 69 संपत्तियां हैं, जिसकी कीमत 98.78 करोड़ है। विकास अग्रवाल के संबंध में की 3 संपत्तियां, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये है।
अरविंद सिंह के संबंध में 32 संपत्तियां हैं, जिसकी कीमत 1.35 करोड़ है। इसके अलावा अरुणपति त्रिपाठी की 11.35 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।साथ ही अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में होटल वेनिंग्टन कोर्ट, रायपुर शामिल है, जो उनकी फर्म मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन के तत्वावधान में चलाया जा रहा है।
बता दें इससे पहले 15 मई को ईडी ने कहा था, शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए थे।
ईडी ने जारी की डिटेल:
Part-A Commission: CSMCL (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रत्येक मामले के अनुसार डिस्टिलरों से रिश्वत ली गई थी।
Part-B Sale of raw country liquor: बिना हिसाब वाली कच्ची देशी शराब की बिक्री. इस मामले में 1 रुपया भी राज्य के खजाने में नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी राशि सिंडिकेट द्वारा जेब में डाल ली गई। अवैध शराब सरकारी दुकानों से ही बेची जा रही थी।
Part-C commission: डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती है, ताकि उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी रखने की अनुमति मिल सके। FL-10A लाइसेंस धारकों से कमीशन जिन्हें विदेशी शराब सेगमेंट में कमाई के लिए पेश किया गया था।
इससे पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में भूमिका के लिए अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने रायपुर, भिलाई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में विभिन्न स्थानों पर 50 से अधिक तलाशी अभियान चलाए हैं और रुपये की चल संपत्ति को जब्त करने में सफल रहा है।
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