हाइलाइट्स-
गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती की जयंती आज।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रानी दुर्गावती को याद करते हुए किया नमन।
सीएम बघेल ने कहा- मातृभूमि की रक्षा के लिए उन्होंने वीरता से अंतिम क्षण तक लड़ाई की।
रायपुर, छत्तीसगढ़। आज गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती की जयंती है। ऐसे में रानी की समाधि पर हर बरस उनकी शहादत को नमन करने वालों का तांता लगा हुआ है। रानी दुर्गावती की जयंती पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें याद करते हुए नमन किया है। बता दें, रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को कालिंजर के राजा पृथ्वी सिंह चंदेल के यहाँ हुआ था। रानी दुर्गावती का राज्य गढ़मंडला था, जिसका केंद्र जबलपुर था।
भूपेश बघेल ने कही यह बात:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "भारतीय नारी की दृढ़ इच्छाशक्ति और शौर्य की प्रतीक, गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती जी की जयंती पर सादर नमन। अपने पति की मृत्यु के बाद धैर्य और कुशलता के साथ उन्होंने अपने साम्राज्य को संभाला और उसे सम्पन्न बनाया। मातृभूमि की रक्षा के लिए उन्होंने साहस और वीरता से अंतिम क्षण तक लड़ाई की।"
उन्होंने आगे कहा कि, "अपने आत्मसम्मान और मातृभूमि की रक्षा के लिए उन्होंने प्राण तक न्यौछावर कर दिये। रानी दुर्गावती जी के शौर्य और बलिदान ने उन्हें अमर और चिरस्मरणीय बना दिया है।"
अरुण साव ने किया ट्वीट:
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि, "चंदेलों की बेटी थी, गोंडवाने की रानी थी। चंडी थी, रणचंडी थी, वह दुर्गावती भवानी थी।। मातृभूमि के सम्मान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाली, अदम्य साहस व शौर्य की प्रतीक महान वीरांगना रानी दुर्गावती जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।"
मोहन मरकाम ने किया ट्वीट:
वहीं, मंत्री मोहन मरकाम ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "अदम्य साहस एवं शौर्य की प्रतीक निर्भीक योद्धा, अमर बलिदानी वीरांगना रानी दुर्गावती जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन करता हूँ। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाली रानी दुर्गावती जी की शौर्य गाथाएँ हम सभी को देश सेवा हेतु प्रेरित करती रहेंगी।"
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