बिलासपुर, छत्तीसगढ़। उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति अर्जन के मामले में निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह के खिलाफ राजद्रोह मामले में अग्रिम जमानत देने तथा फैसला आने तक किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं किये जाने की मांग खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति एन.के. व्यास की एकल पीठ ने संबंधित मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज यह फैसला दिया। एकलपीठ ने संबंधित मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने तथा सात हफ्ते बाद प्रकरण सुनवाई के लिए रखने के निर्देश दिये हैं।
सिंह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने पैरवी की, जबकि राजद्रोह प्रकरण में सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतोदास ने पैरवी की। वहीं आय से अधिक संपत्ति में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) की ओर से राज्यसभा सदस्य और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता के.टी.एस. तुलसी उपस्थित हुए।
उल्लेखनीय है कि एसीबी को सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी। शिकायत के बाद सिंह के सरकारी आवास समेत लगभग 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई। करीब 70 घंटे चले मैराथन छापेमार कार्रवाई में एसीबी को 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। वहीं बाद में उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया। राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद सिंह ने उच्च न्यायालय की शरण ली और रिट याचिका दायर करते हुए पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की थी।
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