Chhattisgarh Crime News: ऑनलाइन शॉपिंग के लिए लोगो के बीच मशहूर फ्लिपकार्ट (Flipkart) को एरिया मैनेजर (Manager) और कर्मचारी ने साथियों के साथ मिलकर 45 लाख रुपए का चूना लगाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार करने के साथ 38 लाख का सामान बरामद किया है। पुलिस शेष सामान भी बरामद करने का प्रयास कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, फिल्पकार्ट (Flipkart) का वेयर हाउस दुर्ग जिले के धमधा (Dhamdha Warehouse) में है, जहां से फ्लिपकार्ट कंपनी ऑनलाइन सामान मंगाने वाले कस्टमर (Customer) के सभी आइटम्स को भेजती है, तो दुर्ग जिले के धमधा के वेयरहाउस में उसे डंप किया जाता है, उसकी डिटेल निकाली जाती है और स्कैन किया जाता है, उसके बाद सभी डिलवरी करने वाले लड़कों को सामान दिया जाता है, जिसके बाद लड़के पार्सल में लिखे हुए बॉक्स पर डिलवरी एड्रेस (Delivery Address) के आधार पर कंपनी का सामान डिलीवर करते हैं।
धमधा टीआई सोमेश सिंह बघेल (Dhamdha TI Somesh Singh Baghel) ने बताया कि भिलाई के नेहरू नगर का अंकित नाम का व्यक्ति इस तरह कंपनी से इलेक्ट्रानिक आइटम का रेगुलर ग्राहक था, इस बार उसने करीब 8 मोबाइल खरीदे थे, इसके अलावा इन लोगों ने तिल्दा में 80 मोबाइल ठिकाने लगाए आरोपियों में से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया चुका है, बाकी की तलाश जारी है टीआई ने बताया कि आरोपियों ने करीब 45 लाख रुपये का सामान कंपनी से उड़ाया था, इसमें से करीब 38 लाख के सामान की बरामदगी हो चुकी है।
यह है पूरा मामला :
एक महीने पहले खुले इस वेयर हाउस में जामुल निवासी मैनेजर के तौर पर अमर मंडल काम कर रहा था, कोहका का रहने वाला अरविंद भी उसके साथ वेयर हाउस में काम कर रहा था। पुलिस के अनुसार दोनों ने वेयर हाउस की नौकरी डिलीवरी के लिए आने वाले सामान को हड़पने की नीयत से ही की थी. इन दोनों ने राजनांदगांव की रहने वाली मोनिका के अलावा अपने तीन और दोस्त दीपक, मनीष और लोकेश को भी शामिल कर लिया। सभी ने मिलकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के करीब 50 से ज्यादा अकाउंट से फ्लिपकार्ट को 120 मोबाइल और महंगे लैपटॉप का ऑर्डर दिया, सभी ऑर्डर कैश ऑन डिलीवरी मोड में दिए गए।
इस मामले में मास्टरमाइंड अमर मंडल ने अपने दोस्त राहुल के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर उसे वेयर हाउस का डिलीवरी बॉय बना दिया, जबकि राहुल को इस बात का पता भी नहीं चला जब सारा सामान आ गया, तो पूरा सामान राहुल के नाम से डिलीवरी के लिए निकलना दिखाया और उसे लेकर 21 मई की रात को राजनांदगांव में मोनिका के घर ले गए। मोनिका के घर में मोबाइल से स्कैन कर पूरा सामान डिलीवरी होना दिखा दिया गया। वहीं पैसा पास होने की बात कहते हुए रात होने का बहाना बनाते हुए अगले दिन जमा करने की बात कही, लेकिन जब अगले दिन पैसा नहीं मिला तो पुलिस को इत्तला की गई।
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