Bilaspur News: हाईकोर्ट ने शासन से 22 अगस्त तक मांगा जवाब Raj Express
छत्तीसगढ़

Bilaspur News: बच्चों की मौत पर NGO ने लगाई याचिका, हाईकोर्ट ने शासन से 22 अगस्त तक मांगा जवाब

Bilaspur News: बच्चों की मौत के मामले में विभाग से विभाग ने इस मामले में अब तक क्या किया और वर्तमान में बच्चों की स्थिति क्या है? वर्त्तमान की जांच कार्यवाई की रिपोर्ट तलब की है।

Deeksha Nandini

हाई लाइट्स

  • वित्त और समाज कल्याण विभाग के सचिव से शपथपत्र के साथ 22 अगस्त तक जवाब मांगा।

  • संस्था कोपल वाणी ने याचिका में कहा- शासन के अनुदान का इस तरह दुरुपयोग हो रहा।

  • निराश्रित बच्चों के लिए घरौंदा योजना प्रारंभ की गई, जिसमें बड़ी रकम की हेरफेर।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने कोपल वाणी मामले में वित्त और समाज कल्याण विभाग के सचिव (Secretary, Department of Finance and Social Welfare) से शपथपत्र के साथ 22 अगस्त तक जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत के मामले में विभाग से विभाग ने इस मामले में अब तक क्या किया और वर्तमान में बच्चों की स्थिति क्या है? वर्त्तमान की जांच कार्यवाई की रिपोर्ट तलब की है।

संस्था कोपल वाणी रायपुर ने लगाई जनहित याचिका

विशेष बच्चों, दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रही संस्था कोपल वाणी रायपुर ने भुखमरी से बच्चों की मौत को लेकर जनहित याचिका लगाई। जिसमें कहा गया कि, शासन के अनुदान का इस तरह दुरुपयोग हो रहा है। इतनी बड़ी रकम होने के बाद भी भूख से बच्चों की यह स्थिति भयावह है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डीबी में हुई। इस दौरान सरकार से जवाब मांगा गया है।

प्रशासनिक अधिकारियों से की थी लिखित शिकायत

दरअसल, राजधानी रायपुर के एक एनजीओ में करोड़ों के शासकीय अनुदान के बावजूद भुखमरी से बच्चों की मौत हो गई थी। जिसे लेकर संस्था कोपल वाणी ने राज्य के बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से लिखित शिकायत की थी। राज्य शासन द्वारा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक संस्थाओं को अनुदान दी जाती है। निराश्रित बच्चों के लिए अलग से घरौंदा योजना प्रारंभ की गई थी।

बड़ी रकम की हेरफेर का मामला

घरौंदा योजना के तहत पीतांबरा संस्था समेत 4 संस्थाओं को 9 करोड़ 76 लाख की राशि दी गई थी। इसमें से पीतांबरा और कुछ अन्य संस्थाओं में 2014 से लेकर अब तक अलग अलग 8 बच्चों की मौत हो गई है। इनमें से जब 2017 में एक घटना पीतांबरा में हुई तो इसकी शिकायत की गई। समाज कल्याण विभाग के सचिव ने कहा था कि, एफआईआर होनी चाहिए। इसमें बड़ी रकम की हेरफेर का मामला बताते हुए ईडी से भी शिकायत हुई थी।

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