भिलाई। छत्तीसगढ़ में अब मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए IIT भिलाई और AIIMS ने एक कदम उठाया है। इसके तहत रायपुर में मरीजों को अब अपनी जांच रिपोर्ट की फाइल लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एम्स और भिलाई आईआईटी मिलकर ऐसा एप बना रहे हैं, जिसमें मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन मिल जाएगी। अगर वह आईसीयू या ऑपरेशन थिएटर में होगा, तो उसकी सर्जरी घर बैठे देखी जा सकेगी।
App में लॉगिन के लिए एक आईडी और पासवर्ड बनाना होंगे जिसके बाद App में यह आईडी और पासवर्ड डालते ही मरीज की पल-पल की जानकारी परिजनों को मोबाइल पर मिलने लगेगी। कौन सा डॉक्टर सर्जरी या ट्रीटमेंट कर रहा है? मरीज का बीपी, शुगर और हार्ट बीट कितनी है, दवाइयां किस तरह दी जा रही हैं, App इसे मोबाइल पर लाइव कर देगा। ऐसा तब होगा, जब मरीज की एडमिट होने के बाद आईडी बनाई जाएगी।
मेडिकल हिस्ट्री अब रहेगी App में सेव :
विशेषज्ञों के अनुसार इस App का सबसे बड़ा फायदा उन मरीजों को होगा, जिन्हें इमरजेंसी में एम्स जैसे अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। जैसे यदि व्यक्ति हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज या फिर बड़ी दुर्घटना का शिकार होता है तो डॉक्टर उसकी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री नहीं मिल पाने के कारण तुरंत इलाज शुरू नहीं कर पाते। कई बार यह भी होता है कि मरीज के परिजन जल्दबाजी में पुरानी रिपोर्ट लाना भूल जाते हैं। इस App के माध्यम से डॉक्टरों को तुरंत पता चल जाएगा कि मरीज को पहले से शुगर, बीपी या अन्य बीमारी तो नहीं है, और उसकी पहले कौन-कौन सी जांचें हो चुकी हैं आदि।
AIIMS के विशेषज्ञ डॉक्टर और भिलाई IIT के एक्सपर्ट की टीम :
आईआईटी भिलाई प्रोफेसर संतोष बिसवाल ने बताया कि, इस App के शुरू हो जाने से एम्स का इमरजेंसी वार्ड पूरी तरह पेपरलेस और ऑनलाइन हो जाएगा। खास बात यह है कि नए इलाज की पूरी जानकारी भी App में स्टोर होती रहेगी। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों और भिलाई आईआईटी के एक्सपर्ट की टीम ने App बनाने पर काम शुरू कर दिया है। प्लानिंग लेवल पर यह कंप्लीट है। एम्स के डीन और डायरेक्टर ने भी इस काम की खूब सराहना की है।
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